भारत और अमेरिका के बीच लगातार दूसरे दिन मंगलवार को भी द्विपक्षीय व्यापार वार्ता (बीटीए) जारी रही। सोमवार से शुरू हुई वार्ता बृहस्पतिवार तक चलेगी, जिसमें दोनों देश द्विपक्षीय व्यापार समझौते को अंतिम रूप देने का प्रयास करेंगे। खासकर कृषि और ऑटोमोबाइल जैसे बड़े मुद्दों में आ रहे मतभेदों को सुलझाने की कोशिश होगी।
अधिकारियों ने मंगलवार को बताया कि द्विपक्षीय व्यापार वार्ता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के निर्णयों के अनुसार आगे बढ़ रही है। हमारी टीम पांचवें दौर की वार्ता के लिए अमेरिका आई है। इस साल सितंबर-अक्तूबर तक बीटीए के पहले चरण के पूरा होने की उम्मीद है। इससे पहले अप्रैल, मई और जून में भारत अधिकारियों की अमेरिका यात्रा के दौरान दो दौर की चर्चाएं हुईं। अधिकारियों ने बताया दोनों पक्षों ने विचारार्थ विषयों को अंतिम रूप दे दिया है और बातचीत जारी है।
वैश्विक शुल्क पर व्यापक चर्चा
सूत्रों ने बताया कि वैश्विक शुल्क संबंधी चिंताओं पर व्यापक रूप से चर्चा हुई है, लेकिन वास्तविक कार्यान्वयन अभी घोषणा के चरण में है। चीन को छोड़कर अब तक कोई नया शुल्क लागू नहीं हुआ है।
1 अगस्त को समाप्त हो रही अतिरिक्त शुल्क की डेडलाइन
भारत के मुख्य वार्ताकार और वाणिज्य विभाग के विशेष सचिव राजेश अग्रवाल बुधवार को टीम के साथ जुड़ेंगे। जबकि उप-मुख्य वार्ताकार पहले ही वाशिंगटन पहुंच चुके हैं, जिन्होंने पहले चरण की बातचीत में हिस्सा लिया। यह दौरा इसलिए भी खास है क्योंकि अमेरिका ने भारत पर अतिरिक्त शुल्क लगाने की समय सीमा 1 अगस्त तक बढ़ा दी है।
भारत-ईयू के बीच सितंबर में अगले दौर की वार्ता
भारत और यूरोपीय संघ (ईयू) के बीच प्रस्तावित मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) पर अगले दौर की वार्ता सितंबर के पहले सप्ताह में होगी। एक अधिकारी ने बताया कि दोनों पक्षों ने पिछले सप्ताह सेवा क्षेत्रों से संबंधित एक दूसरे के प्रस्तावों पर चर्चा की। वाणिज्य विभाग के विशेष सचिव एलएस श्रीनिवास ने बताया कि 12वें दौर की वार्ता पिछले सप्ताह ब्रुसेल्स में संपन्न हुई। हमने सेवाओं और गैर-सेवाओं पर अपने प्रस्तावों का आदान-प्रदान किया, जिस पर चर्चा हुई। हमने वस्तुओं से संबंधित बाजार पहुंच में प्रमुख हितों पर भी चर्चा की। अगले दौर की वार्ता सितंबर के पहले सप्ताह में दिल्ली में होगी। आठ साल के लंबे अंतराल के बाद जून 2022 में भारत और ईयू के बीच व्यापक मुक्त व्यापार समझौते पर वार्ता दोबारा शुरू की थी। बाजार पहुंच में मतभेदों के कारण दोनों पक्षों के बीच वार्ता 2013 में रुक गई थी। ब्यूरो