रूस की राजधानी मॉस्को पहुंचे भारतीय पर्यटकों के एक समूह ने वहां की इमिग्रेशन प्रक्रिया और बर्ताव को लेकर गंभीर आरोप लगाए हैं। टूरिस्ट अमित तनवर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म इंस्टाग्राम पर अपना अनुभव साझा किया है।
उन्होंने बताया कि कैसे 9 भारतीयों को बिना किसी स्पष्ट कारण के हिरासत में लिया गया और बाद में डिपोर्ट कर दिया गया। अमित ने इंस्टाग्राम पर अपनी बात रखते हुए बताया कि वह कुल 12 लोगों के समूह के साथ 8 जुलाई को मॉस्को पहुंचे थे।
9 लोगों को रोका गया
उन्होंने बताया कि सभी के पास वैध दस्तावेज थे, लेकिन फिर भी इमिग्रेशन प्रक्रिया के दौरान सिर्फ तीन लोगों को ही आगे बढ़ने दिया गया। बाकी 9 लोगों को रोक लिया गया और वो भी बिना किसी वैध कारण के।
अमित ने बताया कि सभी 9 लोगों के पासपोर्ट ले लिए गए और उन्हें एअरपोर्ट के एक कोने में बैठा दिया गया, जहां पहले से ही कई भारतीय मौजूद थे। करीब एक घंटे के बाद उन्हें एक अलग कमरे में ले जाया गया।
कई चीजों की हुई जांच
अमित तनवर के अनुसार, उस कमरे में रूसी अधिकारियों ने उनके मोबाइल फोन, फोटो गैलरी, गूगल सर्च हिस्ट्री और यूट्यूब एक्टिविटी की जांच की।
इसके साथ उनके ट्रैवल के शिड्यूल और नकदी की भी तलाशी ली गई। इसके बाद उन्हें बताया गया कि उन्हें डिपोर्ट किया जा रहा है, लेकिन क्यों किया जा रहा है इसके बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई।
कमरे में पहले से बंद थे कई लोग
अमित तनवर ने आरोप लगाते हुए बताया कि जिस कमरे में उन्हें ले जाया गया था वहां पहले से ही कई लोग 2-3 दिनों से बंद थे और उन्हें दिन में केवल दो बार थोड़ा-सा खाना और एक छोटी पानी की बोतल जा जाती थी। उन्होंने आरोप लगाया कि अधिकारियों का व्यवहार बहुत ही अपमानजनक और अमानवीय था।