कर्नाटक में नेतृत्व को लेकर चल रही अटकलों के बीच मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने बड़ा बयान देते हुए स्पष्ट कर दिया है कि वे पूरे पांच साल का कार्यकाल पूरा करेंगे और सत्ता में कोई साझेदारी नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार के साथ उनके संबंध सहज हैं और सीएम पद को लेकर कोई समझौता नहीं हुआ है।
दोनों नेता इन दिनों दिल्ली में हैं और राहुल गांधी समेत कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात कर रहे हैं। उनके दिल्ली प्रवास के साथ ही राज्य में नेतृत्व परिवर्तन की चर्चाएं एक बार फिर तेज हो गई हैं।
सिद्धारमैया का बयान:
गुरुवार को मीडिया से बातचीत में सिद्धारमैया ने कहा:
“डीके शिवकुमार मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं, इसमें कुछ गलत नहीं है। लेकिन उन्होंने खुद कहा है कि फिलहाल मुख्यमंत्री पद खाली नहीं है।”
“मैं ही मुख्यमंत्री हूं और 2028 के विधानसभा चुनाव तक पार्टी का नेतृत्व करूंगा।”
“मैं और शिवकुमार — दोनों आलाकमान के निर्देशों के पालन के लिए बाध्य हैं।”
सत्ता साझेदारी पर क्या बोले सीएम?
सिद्धारमैया ने साफ कहा कि:
- कोई “रोटेशनल सीएम” व्यवस्था नहीं है
- सत्ता साझा करने पर कोई चर्चा नहीं हुई है
- अधिकतर विधायक उनके समर्थन में हैं, भले कुछ शिवकुमार का समर्थन कर रहे हों
राहुल गांधी से मुलाकात और संभावनाएं
सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार, दोनों आज दिल्ली में राहुल गांधी और अन्य वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात करेंगे। माना जा रहा है कि कांग्रेस आलाकमान इन बैठकों के माध्यम से संतुलन बनाए रखने की कोशिश करेगा।
सूत्रों के अनुसार, जैसे-जैसे सरकार का कार्यकाल नवंबर में आधा पूरा होने को आ रहा है, डीके शिवकुमार की तरफ से मुख्यमंत्री पद को लेकर दावेदारी तेज की जा रही है।
यतींद्र सिद्धारमैया का बयान
मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के बेटे और कांग्रेस एमएलसी यतींद्र सिद्धारमैया ने भी मैसूर में मीडिया से कहा:
“मेरे पिता पांच साल तक मुख्यमंत्री बने रहेंगे। कुछ आकांक्षाएं हो सकती हैं, लेकिन अंतिम निर्णय आलाकमान और विधायक दल को करना है।”
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कांग्रेस ने मई 2023 में जब सत्ता में वापसी की, तब मुख्यमंत्री पद को लेकर सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार के बीच लंबी खींचतान देखने को मिली थी। तब पार्टी नेतृत्व ने संतुलन बनाते हुए सिद्धारमैया को मुख्यमंत्री और शिवकुमार को उपमुख्यमंत्री बनाया था।
अब जब सरकार आधे कार्यकाल की ओर बढ़ रही है, नेतृत्व परिवर्तन की अटकलें फिर सिर उठा रही हैं।
फिलहाल सिद्धारमैया का रुख बेहद स्पष्ट है — “मैं ही मुख्यमंत्री रहूंगा।” लेकिन कांग्रेस आलाकमान और दिल्ली बैठकें यह तय करेंगी कि यह स्थिरता बनी रहती है या आने वाले महीनों में कोई राजनीतिक फेरबदल देखने को मिलता है।