प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अर्जेंटीना दौरे की शुरुआत बेहद उत्साहजनक माहौल में हुई। ‘जय श्रीराम’ के उद्घोष और भारतीय सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के साथ उनका भव्य स्वागत किया गया। इस दौरान उन्होंने न सिर्फ भारतीय समुदाय से मुलाकात की, बल्कि दोनों देशों के बीच बढ़ते रिश्तों को भी मजबूती देने की दिशा में कदम बढ़ाए।
पीएम मोदी के स्वागत में पारंपरिक भारतीय नृत्य प्रस्तुत करने वाली ज़िनिया ने कहा, “यह हमारे लिए जीवन बदलने वाला अनुभव था। हमने भारतीय नृत्य शैलियों को प्रस्तुत करने के लिए खूब मेहनत की और पीएम मोदी ने बड़े ध्यान से हमें देखा और सराहा।”
भारतीय मूल के निवासी अखिलेश वर्मा ने कहा, “हम पीएम मोदी से मिलकर बेहद खुश हैं। हम चाहते हैं कि भारत और अर्जेंटीना के बीच व्यापारिक और सांस्कृतिक संबंध और भी मजबूत हों।”
प्रधानमंत्री मोदी अर्जेंटीना के राष्ट्रपति जेवियर माइली से मुलाकात करेंगे। इस द्विपक्षीय बैठक में रक्षा, कृषि, खनन, तेल और गैस, अक्षय ऊर्जा, व्यापार और निवेश जैसे क्षेत्रों में सहयोग को लेकर व्यापक चर्चा होगी।
पीएम मोदी की यात्रा के संदर्भ में कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने 1968 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की ब्यूनस आयर्स यात्रा को याद किया। उन्होंने अर्जेंटीना के प्रसिद्ध अर्थशास्त्री राउल प्रीबिश और संयुक्त राष्ट्र व्यापार एवं विकास सम्मेलन (UNCTAD) की भूमिका को भी रेखांकित किया।
रमेश ने यह भी कहा कि “ग्लोबल साउथ” शब्द, जिसे आज पीएम मोदी और विदेश मंत्री एस. जयशंकर प्रासंगिक बना रहे हैं, UNCTAD के प्रचार से ही उभरा था। हालांकि, इसका पहला प्रयोग 1960 में ब्रिटिश बैंकर ओलिवर फ्रैंक्स ने किया था।
रमेश ने रवींद्रनाथ टैगोर की नवंबर 1924 की अर्जेंटीना यात्रा की भी चर्चा की, जब वह प्रसिद्ध साहित्यिक हस्ती विक्टोरिया ओकैम्पो के निमंत्रण पर वहां गए थे। यह भारत और अर्जेंटीना के बीच सांस्कृतिक संबंधों की ऐतिहासिक नींव को दर्शाता है।
प्रधानमंत्री मोदी की अर्जेंटीना यात्रा सांस्कृतिक जुड़ाव और रणनीतिक सहयोग का एक सशक्त उदाहरण बन रही है। ‘जय श्रीराम’ के नारों और पारंपरिक भारतीय प्रस्तुतियों से शुरू हुई यह यात्रा अब द्विपक्षीय संबंधों के नए अध्याय की ओर बढ़ रही है — जिसमें संस्कृति, व्यापार और वैश्विक दक्षिण के नेतृत्व जैसे कई आयाम शामिल हैं।