भारत ने इंडोनेशिया में एक सेमिनार के दौरान अपने रक्षा अताशे की प्रेजेंटेशन को लेकर फैली उन रिपोर्टों का खंडन किया है, जिनमें कहा गया था कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत ने अपने कुछ लड़ाकू विमान खो दिए थे। भारत ने रिपोर्टों को संदर्भ से बाहर बताया और कहा कि प्रेजेंटेशन को गलत तरीके से प्रस्तुत किया गया है। इंडोनेशिया में भारतीय दूतवासा ने रविवार को एक बयान में कहा कि मीडिया में जो बातें कही गई हैं, वे गलत ढंग से पेश की गई हैं और बातों को संदर्भ से हटाकर बताया गया है। दूतावास ने कहा, ‘हमने इंडोनेशिया में एक सेमिनार के दौरान दिए गए रक्षा अताशे के प्रेजेंटेशन के बारे में कुछ मीडिया रिपोर्ट्स देखी हैं। इसमें कही गई बातें संदर्भ से हटाकर पेश की गई हैं और रक्षा अताशे के प्रेजेंटेशन के उद्देश्य को गलत तरीके से दिखाया गया है।’दूतावास ने यह भी बताया कि उस प्रेजेंटेशन का मुख्य उद्देश्य यह समझाना था कि भारतीय सशस्त्र बल हमारे पड़ोस के कुछ अन्य देशों के मुकाबले राजनीतिक नेतृत्व के अधीन काम करते हैं। साथ ही यह भी बताया गया कि ऑपरेशन सिंदूर का मकसद आतंकी ढांचे को निशाना बनाना था और भारत की कार्रवाई उत्तेजक या आक्रामक नहीं थी।
एक रिपोर्ट के अनुसार, मई की शुरुआत में भारत के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान ने एक इंटरव्यू में माना था कि ऑपरेशन सिंदूर के शुरुआती चरण में कुछ नुकसान हुआ था, लेकिन इसके बाद भारत ने पाकिस्तानी ठिकानों पर हमला कर मजबूती से जवाब दिया। जनरल चौहान ने कहा, ‘7 मई और शुरुआती कुछ दिनों में हमें कुछ नुकसान उठाना पड़ा, लेकिन ये नुकसान बहुत बड़े नहीं थे। इसके बाद हमने अपनी रणनीति बदली और 7, 8 और 10 मई को पाकिस्तान के अंदर उनके ठिकानों पर हमला किया। हमने उनकी सुरक्षा को भेदते हुए सटीक हमले किए।’