बांग्लादेश की राजधानी ढाका में मंदिर गिराए जाने को लेकर जबरदस्त हंगामा मचा हुआ है। इस घटना के बाद बांग्लादेश के कार्यवाहक प्रधानमंत्री मुहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार का जमकर विरोध शुरू हो गया है। मंदिर तोड़े जाने के खिलाफ ढाका की सड़कों पर सनातनी समाज उतर आया है और सरकार को आंदोलन की खुली चेतावनी दी है।
दरअसल, ढाका के बीचों-बीच रेलवे लाइन के पास स्थित एक दुर्गा मंदिर को सरकारी बुलडोजर से गिरा दिया गया। इस घटाना के बाद से ही पूरे शहर का माहौल बिगड़ रहा है. इतना ही नहीं, इस घटना ने पूरे शहर के साथ-साथ पूरे देश का माहौल बिगड़ रहा है. सनातन समाज ने यूनुस सरकार पर भावनाओं को आहत करने का आरोप लगाया है। बांग्लादेश हिंदू बौद्ध क्रिश्चियन यूनिटी काउंसिल के कार्यकारी महासचिव मनींद्र कुमार नाथ ने इस घटना की कड़ी निंदा की है।
मनींद्र नाथ ने सरकार पर सीधा आरोप लगाते हुए कहा कि ऐसी घटनाएं केवल धार्मिक उन्माद को बढ़ावा देती हैं। उन्होंने कहा कि दुख की बात यह है कि सरकार इन घटनाओं को अफवाह बताकर नजरअंदाज कर रही है, जबकि पूरा देश इन घटनाओं का गवाह बन रहा है। सनातन समाज ने चेतावनी दी है कि इस घटना के विरोध में शुक्रवार सुबह ढाका प्रेस क्लब के बाहर बड़ा विरोध प्रदर्शन किया जाएगा। संगठन का कहना है कि सरकार लगातार अल्पसंख्यक समुदाय की आवाज को दबाने की कोशिश कर रही है, लेकिन अब पूरा समाज एकजुट हो चुका है।
स्थानीय लोगों के मुताबिक, मंदिर गिराने की घटना सुनियोजित तरीके से हुई। पहले मंदिर के आसपास भीड़ जुटाई गई और फिर सरकारी बुलडोजर भेजकर मंदिर को जमींदोज कर दिया गया। लोगों का कहना है कि यह घटना न सिर्फ धार्मिक भावनाओं पर हमला है, बल्कि अल्पसंख्यक समुदाय के अधिकारों का खुला उल्लंघन है। बांग्लादेश सरकार इस घटना को लेकर अब तक कोई ठोस प्रतिक्रिया नहीं दे पाई है।
सरकार इसे अफवाह बताकर पल्ला झाड़ रही है। लेकिन स्थानीय संगठन और आम लोग सरकार की मंशा पर सवाल उठा रहे हैं। लोगों का कहना है कि सरकार जानबूझकर ऐसी घटनाओं को नजरअंदाज कर रही है, जिससे अल्पसंख्यकों में डर बना रहे।
मंदिर गिराने की घटना ने बांग्लादेश में पहले से मौजूद असंतोष को और बढ़ा दिया है। खासतौर पर अंतरिम सरकार के मुखिया मुहम्मद यूनुस की सरकार पर दबाव लगातार बढ़ रहा है। अल्पसंख्यक समुदाय ने साफ कर दिया है कि अगर ऐसी घटनाएं नहीं रुकीं तो बड़े स्तर पर आंदोलन छेड़ा जाएगा। वहीं, भारत सरकार ने भी इस मामले पर अपनी नराजगी जताई है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने कहा है कि वहां के हिंदुओ और उनकी संपत्ति की रक्षा करना बांग्लादेश की सरकार के काम है.