पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले में संदेशखाली में हाल ही में हुए बवाल को लेकर चिंता बढ़ रही है। इस संदेशखाली क्षेत्र में अत्याचारों की रिपोर्टें आ रही हैं, और राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की टीम ने भी इसका निरीक्षण किया है। संदेशखाली में सीआरपीसी की धारा 144 लागू हो गई है, जो इस स्थिति को और भी अधिक गंभीर बना रही है।
विभिन्न राजनीतिक दलों की नेताओं ने भी इस मामले पर अपने विचार व्यक्त किए हैं। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने टृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) पर निशाना साधा है और उन्हें छिपाने और अत्याचारों को मिटाने की आरोपित किया है। इसके बावजूद, टीएमसी ने भी हिंसा के खिलाफ आवाज उठाई है और संदेशखाली के क्षेत्र में अपने प्रतिनिधियों को भेजा है।
यह स्थिति राजनीतिक और सामाजिक दृष्टिकोण से बहुत ही चिंताजनक है, और स्थानीय लोगों को सुरक्षित रखने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाने चाहिए।