लॉस एंजिलिस के साथ-साथ अमेरिका के कई बड़े शहरों में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की आव्रजन कानून का विरोध तेज होता जा रहा है। हालांकि इस विरोध प्रदर्शन का राष्ट्रपति ट्रंप पर कोई बड़ा असर होता हुआ नहीं दिख रहा है। कारण है कि शहरों में बढ़ते तनाव के बीच ट्रंप ने रविवार को संघीय आव्रजन अधिकारियों (आईसीई) को निर्देश दिया कि वे डेमोक्रेटिक पार्टी द्वारा शासित बड़े शहरों में अवैध प्रवासियों को प्राथमिकता के आधार पर गिरफ्तार करें और देश से बाहर निकालें। ट्रंप ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में सबसे बड़े निर्वासन अभियान पर जोर देते हुए कहा कि अब वक्त आ गया है कि आईसीई अधिकारी देश के इतिहास का सबसे बड़ा निर्वासन अभियाएं चलाएं। उन्होंने यह भी कहा कि इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए अधिकारियों को लॉस एंजिलिस, शिकागो और न्यूयॉर्क जैसे बड़े शहरों में अपने अभियान को तेज करना होगा, जहां लाखों की संख्या में अवैध प्रवासी रहते हैं। गौर करने वाली बात है कि ट्रंप का यह बयान ऐसे समय में आया है जब देशभर के कई बड़े शहरों में विशेषकर लॉस एंजिलिस में ट्रंप प्रशासन की प्रवासी नीतियों के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन दिन-प्रतिदिन तेज होते जा रहें है। वहीं ट्रंप के निर्देश के बाद व्हाइट हाउस के डिप्टी चीफ ऑफ स्टाफ और ट्रंप की प्रवासी नीतियों के प्रमुख रणनीतिकार स्टीफन मिलर ने अवैध प्रवासियों की गिरफ्चारी के लक्ष्य पर जोर दिया। जहां उन्होंने हाल ही में कहा था कि अब आईसीई अधिकारियों का लक्ष्य रोजाना कम से कम 3,000 गिरफ्तारियां करना होगा, जो ट्रंप के दूसरे कार्यकाल के पहले पांच महीनों के दौरान औसतन 650 गिरफ्तारी प्रतिदिन से कई गुना अधिक है।वहीं, प्रशासन ने खेतों, रेस्तां और होटलों पर छापेमारी पर अस्थायी रोक लगाई है, क्योंकि ट्रंप ने इन क्षेत्रों में श्रमिकों की कमी को लेकर चिंता जताई है। एक अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर बताया कि इन उद्योगों पर कार्रवाई से फिलहाल बचा जा रहा है। गौरतलब है कि अमेरिका के कई शहरों में बढ़ते विरोध प्रदर्शन के बाद ट्रंप का ये निर्देश प्रशासन की प्रवासी नीतियों में और सख्ती का संकेत देता है, खासकर चुनावी साल में जब यह मुद्दा राजनीतिक बहस का केंद्र बन सकता है।