Friday, July 4, 2025

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दुनिया में 27.2 करोड़ बच्चे स्कूल जाने से वंचित, साल के अंत तक राष्ट्रीय लक्ष्यों से पिछड़ जाएंगे देश

वैश्विक स्तर पर स्कूल न जाने वाले बच्चों की संख्या अनुमानित तौर पर अब 27.2 करोड़ पर पहुंच चुकी है, जो पिछले अनुमान से 2.1 करोड़ अधिक है। यूनेस्को की वैश्विक शिक्षा निगरानी टीम (जीईएम) ने अपनी एक हालिया रिपोर्ट में आशंका जताई है कि 2025 के अंत तक देश अपने राष्ट्रीय लक्ष्यों की तुलना में 7.8 करोड़ पीछे रह जाएंगे। रिपोर्ट में कहा गया है कि स्कूल न जाने वाले बच्चों की संख्या में वृद्धि के दो कारण हैं। पहला, नए नामांकन और उपस्थिति के आंकड़ों में कमी आने से यह संख्या 80 लाख बढ़ा है। इसका एक बड़ा कारण 2021 में अफगानिस्तान में लड़कियों के माध्यमिक विद्यालयों में पढ़ने पर लगाई गई पाबंदी भी है। दूसरी बात, स्कूल न जाने वाले बच्चों की संख्या में वृद्धि संयुक्त राष्ट्र के संशोधित अनुमान से ज्यादा है, जो 1.3 करोड़ रहने का अनुमान था।रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि संघर्षों के कारण स्कूल न जाने वाले बच्चों की संख्या को संभवत: कम करके आंका गया हो क्योंकि संघर्षों के कारण आंकड़े एकत्र करने में बाधा उत्पन्न होती है। कुल मिलाकर, प्राथमिक विद्यालय जाने योग्य आयु वर्ग के लगभग 11 प्रतिशत बच्चे (7.8 करोड़), निम्न माध्यमिक विद्यालय जाने योग्य आयु वर्ग के 15 प्रतिशत बच्चे (6.4 करोड़) तथा उच्च माध्यमिक विद्यालय जाने योग्य आयु वर्ग के 31 प्रतिशत किशोर (13 करोड़) स्कूल नहीं जा पा रहे हैं।रिपोर्ट कहती है कि सामूहिक रूप से जैसा एसडीजी 4 स्कोरकार्ड दिखाता है, यदि देश अपने लक्ष्यों को पूरा करते हैं, तो वे 2030 तक अपनी स्कूल से बाहर बच्चों की संख्या 16.5 करोड़ तक कम कर देंगे। हालांकि, अनुमान लगाया गया है कि 2025 तक देश प्राथमिक और निम्न माध्यमिक विद्यालय आयु के बच्चों के बीच चार प्रतिशत अंकों से और उच्च माध्यमिक विद्यालय आयु के लोगों के बीच छह प्रतिशत अंकों से पीछे रह जाएंगे। कुल मिलाकर, देश 7.5 करोड़ के आंकड़े से पीछे रह सकते हैं।

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