Monday, June 30, 2025

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बांग्लादेश हिंसा में शामिल व्यक्ति बंगाल का मतदाता निकला

बीते साल अगस्त में शेख हसीना सरकार के खिलाफ भड़की हिंसा में शामिल एक व्यक्ति पश्चिम बंगाल में मतदाता पाया गया है। इसके बाद इस पर राजनीतिक विवाद शुरू हो गया है और भाजपा ने ममता बनर्जी सरकार पर राज्य की मतदाता सूची में घुसपैठियों को शामिल करने का गंभीर आरोप लगाया है। बांग्लादेशी हिंसा में शामिल व्यक्ति की पहचान न्यूतन दास के रूप में हुई है, जिसने 2024 में ढाका में हुए छात्र विरोध प्रदर्शन में शिरकत की थी। अब वह बंगाल के काकद्वीप में मतदाता पाया गया है। बांग्लादेश में हुए विरोध प्रदर्शनों ने शेख हसीना सरकार को सत्ता से अपदस्थ करने में अहम भूमिका निभाई थी। वहीं विवाद के बाद न्यूतन दास ने दावा किया कि उसके पास भारतीय नागरिकता है और उसने पैन कार्ड और आधार कार्ड भी होने का दावा किया। दास ने दावा किया कि वह 2024 में वह बांग्लादेश गया था और किन्हीं कारणों से बांग्लादेश में फंस गया। बांग्लादेश में उसकी पैतृक संपत्ति है। दास ने बताया कि वह साल 2014 से काकद्वीप में मतदाता है और साल 2016 के विधानसभा चुनाव में उसने मतदान भी किया था। वहीं न्यूतन दास के चचेरे भाई ने बताया है कि ‘न्यूतन का जन्म बांग्लादेश में हुआ था और वह दोनों देशों में वोट करता है। वह कोरोना महामारी के दौरान अपनी कुछ पैतृक संपत्ति बेचने भारत आया था, लेकिन उसके बाद से यहीं रह गया। उसे दोनों देशों में मतदाता बनने के लिए जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए। यह सही नहीं है।’ भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा कि ‘एक व्यक्ति जो बांग्लादेश में छात्र आंदोलन के दौरान लाठी उठाए दिख रहा है, वह अब काकद्वीप में बतौर मतदाता पंजीकृत है। टीएमसी और बंगाल की सीएम ममता बनर्जी अवैध घुसपैठ के नेटवर्क को बढ़ावा दे रही हैं।’ नेता विपक्ष सुवेंदु अधिकारी ने कहा कि बंगाल में लाखों बांग्लादेशी मतदाता पंजीकृत हैं। अधिकारी ने साद शेख का उदाहरण दिया, जो अंसारुल्लाह बांग्ला टीम का सदस्य है और मुर्शिदाबाद में मतदाता है। भाजपा का आरोप है कि कई बांग्लादेशी जिहादी और घुसपैठिए भारत में घुस आए हैं और यहां उन्हें सत्ताधारी दल द्वारा वोट पाने के लिए नागरिकता दे दी गई है।

टीएमसी ने भाजपा के आरोपों को खारिज कर दिया और उल्टा केंद्र और बीएसएफ को अवैध घुसपैठ के लिए जिम्मेदार ठहराया। टीएमसी ने कहा कि ‘सीमाओं की सुरक्षा की जिम्मेदारी बीएसएफ की है। राज्य सरकार अपनी जिम्मेदारी निभाती है, लेकिन ये भारत सरकार की जिम्मेदारी है कि सीमाएं सुरक्षित रहें।

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