अमेरिका के उप विदेश मंत्री रिचर्ड वर्मा ने भारत दौरे के दौरान भारत सरकार के वरिष्ठ नेताओं और अधिकारियों के साथ कई बैठकें कीं। उन्होंने भारत-अमेरिका सहयोग को मजबूत करने पर जोर दिया। वर्मा ने स्वतंत्र और समृद्ध भारत-प्रशांत क्षेत्र को सुनिश्चित करने की दिशा में काम करने के अवसर को तलाशा। गौरतलब है कि वर्मा 19 से 21 फरवरी तक भारत के दौरे पर थे। ‘इंडस-एक्स’ शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए भारत और अमेरिका के संबंधों पर रिचर्ड वर्मा ने कहा कि अतीत को देखकर कभी नहीं लगता कि हमारे संबंध इस दौर में भी पहुंच सकते हैं। नि:स्देह हमने संबंधों को बेहतर करीब लाया है। जितना करीब आज वर्तमान में हम हैं, इतना हम किसी युग में नहीं रहे हैं। लोगों के बीच जुड़ा के चलते अमेरिकी दूतावास अधिक वीजा जारी कर रहा है। अब हमारे पास यूएस में अधिक भारतीय छात्र हैं , जो लगभग 250,000 या अधिक छात्र हैं। ऐसा पहले कभी नहीं था। अगर मैं सन् 2000 से हमारी प्रगति को देखूं तो हमने हर एक क्षेत्र में बेहतरीन प्रदर्शन किया है। वर्मा की यात्रा के बारे में अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने बताया कि अमेरिका-भारत के बीच वैश्विक रणनीतिक साझेदारी को आगे वर्मा ने नई दिल्ली में वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात की। वर्मा ने विदेश मंत्री एस जयशंकर, विदेश सचिव विनय क्वात्रा, रक्षा सचिव गिरिधर अरमाने और उप राष्ट्रीय सलाहकार विक्रम मिस्री से मुलाकात की। बैठक में कई मुद्दों पर चर्चा हुई। बैठक में स्वतंत्र, खुले, सुरक्षित और समृद्ध भारत-प्रशांत क्षेत्र को सुनिश्चित करने पर भी जोर दिया। वर्मा ने जयशंकर के अलावा, केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल से भी मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने नई दिल्ली और वाशिंगटन के बीच व्यापार और आर्थिक संबंधों के विकास पर चर्चा की।





