हल्द्वानी : अमीर बनने का सपना हर किसी का होता है कि उसे हर ऐश आराम की चीज वक्त से पहले मिल जाए और इसके चलते उसकी समझ में इज्जत बढ़ जाए ऐसे ही एक सपना बेकरी में काम करने वाले युवक ने देखा था और उसके दोस्त ने उसे अमीर बनने का सपना दिखाकर न्यायालय के चरण में खड़ा कर दिया लेकिन गलती उसकी भी थी कि वह लालच में आ गया बनभूलपुरा थाना क्षेत्र में आमिर बनने का मामला प्रकाश में आया है बेकरी में काम करने वाले व्यक्ति के नाम पर एक करंट एकाउंट खोला जाता है। महज 8 दिन में उसके खाते में सवा करोड़ रुपए से अधिक की रकम पहुंच जाती है। नोएडा पुलिस इस पर पहले से काम कर रही थी और जब मामला खुला तो पता लगा कि यह सारा मामला साइबर क्राइम से जुड़ा है। साइबर क्राइम के इस खेल में स्थानीय स्तर पर छात्र संघ का पूर्व पदाधिकारी करन अरोड़ा मास्टर माइंड है, जिसका भाई दुबई में बैठकर पूरा खेल खेल रहा है। इस मामले में बनभूलपुरा पुलिस ने करन समेत 12 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है।
इस मामले में सावित्री कालोनी मंगलपड़ाव निवासी रमेश चंद्र पुत्र स्व.देवीदत्त का कहना है कि वह आजादनगर बनभूलपुरा स्थित 17 एमएस बेकरी में काम करता है। पुराने दोस्त साजिद ने कहा कि वह क्रिप्टो करेंसी में काम करता है और रमेश भी इसमें खाता खोले तो अच्छा मुनाफा होगा। सालों पुरानी दोस्ती पर रमेश ने भरोसा कर दिया, लेकिन कमाई के लिए करंट एकाउंट की जरूरत थी। साजिद और उसके दोस्त अनस मलिक ने उद्यम विभाग में आरसी इंटर प्राइजेज के नाम से रमेश का पंजीकरण कराया और यहां से मिले उद्यम सर्टिफिकेट के जरिये बैंक में आरसी इंटर प्राइजेज के नाम से करंट एकाउंट खुलवा लिया। इस खाते का संचालन अपने हाथ में ले लिया।
बीती 19 मार्च को साजिद ने रमेश के दूसरे बैंक खाते में 30000 रुपए डलवाये। 10000 रुपए रमेश को देखकर बाकी रख लिए। साथ ही भरोसा दिया कि ऐसे पैसे उसके पास आते रहेंगे। अगले ही दिन साजिद और अनस अपने हस्सान, मोहम्मद कैफ और रमीश नाम के युवक को लकेर रमेश के पास पहुंचे। कहा, हम लोग करन अरोरा और उसके भाई प्रियांशु ठाकुर, मोनिस और नितिन अटवाल के साथ मिलकर क्रिप्टो करेंसी का काम करते हैं। हमारे खाते में जो भी रुपए आते हैं वो निकाल कर करन अरोरा को दे देते हैं और इसके बदले हमे अच्छा खासा कमीशन मिल जाता है। अगर तुम और लोगों के खाते खुलवाते हो तो तुमको और ज्यादा कमिशन मिलेगा। रमेश ने खुद के ही कुछ और बैंक खाते खुलवाने का प्रयास किया, लेकिन खाते खुल नहीं पाए।
इसी बीच नोएडा पुलिस बनभूलपुरा पहुंच गई। दरअसल, महज 8 से 10 दिनों के भीतर रमेश के करंट एकाउंट में एक करोड़ 20 लाख रुपए जमा हो चुके थे, जो विभिन्न खातों से आए थे और नोएडा पुलिस इसकी तफ्तीश कर रही थी। बड़ी बात यह थी कि इस एक करोड़ 20 लाख रुपये को खाते से निकाल भी लिया गया था। रमेश को पुलिस ने बनभूलपुरा थाने बुलाया तो उसने इस धंधे से जुड़े सभी लोगों के नाम उगल दिए। हालांकि खुद को वह पाक-साफ बताता रहा।
रमेश के कुबूलनामे के बाद पुलिस ने साजिद, हस्सान, मो. कैफ, रमीश, करन अरोरा, सिकन्दर हुसैन, यूसूफ पुत्रगण जमाल हुसैन, वासिद पुत्र साहिद हुसैन निवासीगण बनभूलपुरा को बुलाकर पूछताछ की तो मामला आइने की तरह साफ हो गया। इस मामले के तार दुबई से जुड़े हैं और बताया रहा है कि करन के भाई वहीं रहकर इस धंधे को संभालता है। करन छात्र संघ का पूर्व उप सचिव रह चुका है। बनभूलपुरा थानाध्यक्ष नीरज भाकुनी ने बताया कि तहरीर के आधार पर आरोपियों के खिलाफ बीएनएस की धारा 318(4) व 61(4) के तहत मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी गई है। वहीं एसएसपी प्रह्लाद नारायण मीणा का कहना है कि प्राथमिक जांच में साइबर क्राइम की पुष्टि हो रही है। इसकी जांच की जा रही है कि उपरोक्त खातों में किस तरह से कमाए गए रुपए आ रहे थे। इनसेट चिंता मत करो, ले देकर पुलिस को निपटा लेंगे
हल्द्वानी : खुद को पाक-साफ बताने वाले रमेश को जब लगा कि उसके गले में कानून का फंद कस रहा है और जब नोएडा पुलिस ने उसे नोएडा बुलाया तो वह भाग कर साजिद और अनस के पास पहुंचा। कहा, तुम लोगों ने मुझे कहा फंसा दिया तो इन्होने कहा कि तुम्हें परेशान होने की जरुरत नही है। हम लोगों के पास जो भी पैसे आये हैं वह रमीज खान के माध्यम से और करन अरोरा और नितिन अटवाल को दिए हैं। इसलिए वही लोग इस मामले को पैसे देकर सुलझा लेंगे। हालांकि रमेश पुलिस के सामने यह कुबूल कर चुका है कि प्रियांशु ठाकुर, मोनिस, नितिन अटवाल और करन अरोरा इस काम से बहुत पैसा कामाया है। इस मामले में जब पुलिस ने सभी लोगों को नोएडा पुलिस आने के बाद बुलाया तो पुलिस ने भी इस बहती गंगा में अपने हाथ धो लिए और आखिर में सभी के खिलाफ साइबर ठगी का मुकदमा दर्ज कर गले में कानून का फंदा लटका दिया।