Saturday, July 26, 2025

Top 5 This Week

Related Posts

गोल्डन कार्ड बेअसर! करोड़ों की बकाया राशि पर निजी अस्पतालों ने तोड़ा भरोसा

राज्य कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए शुरू की गई गोल्डन कार्ड स्वास्थ्य योजना आज खुद बीमार होती नज़र आ रही है। करोड़ों रुपये के भुगतान में देरी से नाराज़ निजी अस्पतालों ने अब गोल्डन कार्ड के जरिए इलाज देना बंद कर दिया है, जिससे हजारों कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

शनिवार को इस मुद्दे ने और तूल पकड़ा जब राज्य निगम कर्मचारी अधिकारी महासंघ ने मुख्य सचिव आनंदबर्द्धन से मुलाकात कर गोल्डन कार्ड, वेतन विसंगति और नियमितीकरण जैसे ज्वलंत मुद्दों पर चिंता जताई। महासंघ का कहना है कि स्वास्थ्य प्राधिकरण न केवल राज्यकर्मियों से, बल्कि निगमों, निकायों और उपक्रमों के कर्मियों व पेंशनर्स से भी गोल्डन कार्ड का अंशदान वसूल रहा है, जबकि इलाज मिलना दिन-ब-दिन मुश्किल होता जा रहा है।

महासंघ ने बताया कि प्राधिकरण पर निजी अस्पतालों का करोड़ों रुपये बकाया है, जिसके चलते अस्पतालों ने गोल्डन कार्ड स्वीकार करना बंद कर दिया है। अब मात्र कुछ गिने-चुने अस्पतालों में ही सीमित सेवाएं मिल पा रही हैं।

इस बीच, सेवानिवृत्त राजकीय पेंशनर्स संगठन ने भी बैठक कर सरकार के रवैये पर नाराजगी जताई। उन्होंने इसे कर्मचारियों के साथ धोखा करार दिया।

मुख्य सचिव ने प्रतिनिधिमंडल को भरोसा दिलाया कि जल्द ही मांगपत्र पर ठोस वार्ता होगी। वहीं जल संस्थान कर्मचारियों से जुड़े मुद्दों पर भी अपर सचिव अपूर्वा पांडे के साथ चर्चा हुई, जिसमें 1996 से लंबित वेतनमान, संरचना स्वीकृति और ग्रेड-पे में सुधार जैसे विषय शामिल रहे।

इस वार्ता में महासंघ के संरक्षक दिनेश गोसाईं, अध्यक्ष दिनेश पंत, महासचिव श्याम सिंह नेगी, शिशुपाल रावत, शिवप्रसाद शर्मा, जीवानंद भट्ट और अनिल भट्ट जैसे वरिष्ठ पदाधिकारी मौजूद रहे।

Popular Articles