तीन साल से चल रहे युद्ध में चीन पर रूस की मदद करने के दावे को सही साबित करने के लिए यूक्रेन के बड़ा कदम उठाया। यूक्रेन ने रूस से पकड़े गए चीनी युद्ध बंदियों की पहचान उजागर कर दी। यूक्रेन ने मीडिया के सामने दो चीनी युद्ध बंदियों की परेड कराई। यूक्रेन के इस कदम पर चीन भड़क गया है। चीन ने यूक्रेन पर अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून तोड़ने का आरोप लगाया है।
यूक्रेन ने रूस से पकड़े गए चीनी युद्धबंदियों की मीडिया के सामने पेश किया। बंदियों को युद्ध की वर्दी पहनाकर प्रेस ब्रीफिंग रूम में लाया गया। इस दौरान चीनी युद्धबंदियों ने आपबीती साझा की। युद्धबंदियों ने बताया कि वित्तीय प्रोत्साहन के चलते वे रूसी सेना का हिस्सा बने थे। एक युद्ध बंदी ने कहा कि वह कोविड महामारी के दौरान अपनी नौकरी खोने के बाद पैसे कमाने का तरीका खोज रहा था। रूस में प्रति माह 250,000 रूबल (लगभग 3000 अमेरिकी डॉलर) की कमाई चीन में मिल रहे वेतन से दोगुनी थी।
युद्ध बंदियों ने बताया कि उन्होंने पहले से ही मेडिकल रिहैबिलिटेशन का प्रशिक्षण लिया हुआ था। ऐसा कुछ वे रूसी सेना में करना चाहते थे। लेकिन जब वे मॉस्को पहुंचे तो उन्होंने अनिवार्य युद्ध प्रशिक्षण लिया और उन्हें एक लड़ाकू भूमिका सौंपी गई। उन्हें भाषा की समस्या थी और उन्हें रूसी भाषा के दस्तावेज दिए गए, जिसे वे दोनों नहीं समझ पाए। एक युद्धबंदी ने बताया कि वह अपने साथियों से सिर्फ हाथ के इशारों से ही बात कर सकता था।
युद्धबंदियों ने कहा कि उन्होंने रूस से अनुबंध किया था। इसके मुताबिक उन्हें युद्ध में भाग लेने, लामबंदी अवधि, आपात स्थितियों और मार्शल लॉ के दौरान कर्तव्यों को पूरा करने के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा को बनाए रखने और बहाल करने की गतिविधि में भाग लेने और रूसी संघ के क्षेत्र के बाहर अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी गतिविधि को रोकने के लिए प्रतिबद्ध किया गया था।
युद्ध बंदियों की पहचान उजागर करने पर चीन भड़क गया है। चीन ने कहा है कि युद्ध बंदियों की पहचान उजागर करना और उन्हें मीडिया के सामने पेश कराना अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून का उल्लंघन माना जाता है। चीनी विदेश मंत्रालय ने कहा कि चीन यूक्रेन संकट का सूत्रधार नहीं है, न ही चीन इसमें भागीदार है। चीन ने कहा था कि हम संबंधित पक्षों से आग्रह करते हैं कि वे चीन की भूमिका को सही ढंग से और गंभीरता से समझें तथा गैर-जिम्मेदाराना टिप्पणियां न करें।