कैबिनेट ने मंडलायुक्त और जिलाधिकारी स्तर पर आपदा मद से किए जाने वाले कार्याें के लिए वित्तीय अधिकार को बढ़ा दिया गया है। इससे आपदा से जुड़े बड़े कार्य जिला और मंडल स्तर पर तुलनात्मक तौर पर अधिक तेजी से हो सकेंगे। पांच करोड़ तक के कार्यों के लिए शासन स्तर पर प्रस्ताव नहीं भेजना पड़ेगा। मंडलायुक्त स्तर पर ही पांच करोड़ तक की स्वीकृतियां मिल सकेंगी। राज्य आपदा की दृष्टि से संवेदनशील रहा है। ऐसे में मानसून से पहले भी सुरक्षात्मक कार्य किए जाते हैं, इसके बाद मानसून में सड़क में कटाव, भूस्खलन समेत अन्य क्षति होती है या तत्काल कोई अन्य कार्य करना होता है।
इसके लिए जिलाधिकारी स्तर पर पहले राज्य आपदा मोचन निधि से 10 लाख तक इस्टीमेट को पास कर सकते थे, इसके बाद इसे 20 लाख किया गया था। इसके बाद के एक करोड़ तक इस्टीमेट को मंडलायुक्त के पास भेजना होता था। अगर इस्टीमेट एक करोड़ से ज्यादा का होता था, उसे शासन को भेजा जाता था।
कैबिनेट बैठक में जिलाधिकारी और मंडलायुक्त के वित्तीय अधिकार को बढ़ाने पर मंजूरी दी है। अब जिलाधिकारी के वित्तीय अधिकार बढ़ाकर एक करोड़ तक कर दिया है, इसके साथ ही मंडलायुक्त के वित्तीय अधिकार पांच करोड़ तक कर दिए हैं। ऐसे में आपदा से जुड़े बड़े कार्य जिला और मंडल स्तर पर तेजी से हो सकेंगे। अधिकारियों के लिए शासन स्तर पर प्रस्ताव भेजने और स्वीकृतियां आने में समय लगता था, वह बचेगा और तेजी से काम हो सकेगा।
अब अधिक तेजी से हो सकेंगे आपदा से जुड़े बड़े कार्य
