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पंचायत चुनाव: पहले चरण में महिलाओं ने दिखाया जोश, दूसरे चरण के प्रचार का शोर थमा

लखनऊ, 27 जुलाई – उत्तर प्रदेश त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव...

देवभूमि

कुमाऊं : कैसे हुआ नामकरण

इस प्रान्त का नाम कुर्मांचल या कुमाऊं होने के...

रामगंगा नदी घाटी में दबा है ऐतिहासिक शहर! फिर दुनिया के सामने लाने को ASI ने कसी कमर

अल्मोड़ा. भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) ने उत्तराखंड के अल्मोड़ा...

नंदा देवी जात यात्रा – देवभूमि की अमृत धारा

नंदा देवी जात यात्रा – देवभूमि की अमृत धारा यात्रा...

व्यक्तितव

वीर सिपाही शहीद केसरी चंद

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Bachendri Pal

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The World of Raghu Rai: His Photography & Life

It was a picture of a donkey that started...

ताना-बाना

उत्तराखंड में हुए एक सीक्रेट मिशन का खतरा आज भी बरकरार

बात 1965 की है,  जब वियतनाम युद्ध तेज हो रहा...

पनीर ने रोका पलायन : रौतू कीबेली गाँव

उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में बसे गाँवों में रोज़गार...

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Saturday, July 26, 2025

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राष्ट्रपति ट्रंप का चीन पर 125% टैरिफ ठोकना भारत के लिए अवसर क्यों

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा चीनी वस्तुओं पर 125% टैरिफ लगाने की घोषणा भारत के व्यापार एवं उद्योग के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर साबित हो सकती है। कॉन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय महामंत्री तथा दिल्ली के चांदनी चौक से सांसद प्रवीन खंडेलवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत तथा पीएलआई स्कीम के अंतर्गत भारतीय लघु उद्योग तथा व्यापारियों को इस अवसर तथा चुनौती दोनों का लाभ उठाने की रणनीति तैयार करनी चाहिए। खंडेलवाल ने कहा कि इस कदम से भारत को अमेरिका में निर्यात के नए अवसर प्राप्त हो सकते हैं। जब चीनी उत्पाद अमेरिका में महंगे हो जाएंगे, तो अमेरिकी खरीदार वैकल्पिक स्रोतों की तलाश करेंगे। ऐसे में भारतीय विनिर्माता और निर्यातक इस अंतर को भर सकते हैं, विशेष रूप से उन क्षेत्रों में जहां चीन का दबदबा रहा है। इससे भारतीय निर्यातकों को अमेरिका में एक नया और महत्वपूर्ण बाजार प्राप्त हो सकता है।

कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीसी भरतिया ने कहा, इसके साथ ही, वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में एक बड़ा बदलाव संभावित है। अमेरिका और अन्य देश यदि चीन पर निर्भरता कम करना चाहते हैं, तो भारत एक भरोसेमंद वैकल्पिक आपूर्ति साझेदार के रूप में उभर सकता है। भरतिया के अनुसार, ‘मेक इन इंडिया’ और पीएलआई जैसी योजनाओं के चलते भारत को एक मजबूत निर्माण केंद्र के रूप में देखा जा सकता है, जिससे विनिर्माण और तकनीकी क्षेत्रों में निवेश आकर्षित हो सकता है।

दोनों व्यापारी नेताओं ने कहा कि राष्ट्रपति ट्रम्प के इस निर्णय से वैश्विक प्रतिस्पर्धा को भी बल मिलेगा। अब जब चीनी उत्पाद महंगे हो गए हैं, तो अमेरिकी बाजार में भारतीय उत्पाद अधिक मूल्य प्रतिस्पर्धी बन सकते हैं, जिससे भारतीय व्यापारियों को स्पष्ट लाभ मिल सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि हालांकि, यह घोषणा कुछ अल्पकालिक अनिश्चितताओं को भी जन्म दे सकती है। वैश्विक व्यापार व्यवस्था में अचानक आए इस बदलाव से कच्चे माल की कीमतों में उतार-चढ़ाव और लॉजिस्टिक्स पर प्रभाव पड़ सकता है, जिसे सावधानीपूर्वक मॉनिटर करना आवश्यक होगा। खंडेलवाल ने कहा, यह स्थिति भारत के लिए एक बड़ा अवसर भी है और चुनौती भी। इसका लाभ इस बात पर निर्भर करेगा कि भारत का व्यापार एवं उद्योग कितनी तेजी और कुशलता से अपनी रणनीतियों को अनुकूलित कर पाते हैं। उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक्स व मोबाइल निर्माण, फार्मास्यूटिकल्स व एपीआई, वस्त्र व परिधान, इंजीनियरिंग उत्पाद व ऑटो पुर्जे, रसायन व विशेष रसायन, आईटी सेवाएँ एवं इलेक्ट्रॉनिक्स डिजाइन, एफएमसीजी प्रोडक्ट्स जैसे प्रमुख क्षेत्र इस नए घटनाक्रम से बड़े पैमाने पर लाभान्वित हो सकते हैं। हालांकि टैरिफ का प्रत्यक्ष प्रभाव सेवाओं पर नहीं होता, लेकिन भू-राजनीतिक तनाव की स्थिति में भारत की टेक्नोलॉजी क्षमताएं अमेरिका के लिए एक भरोसेमंद साझेदारी के रूप में उभर सकती हैं।

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