Thursday, November 20, 2025

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योग्य उम्मीदवारों को अलग करने के लिए समिति बनाने का सुझाव

न्यायाधीश से भाजपा के टिकट पर सांसद बने अभिजीत गंगोपाध्याय ने ममता बनर्जी की सरकार को सुझाव दिया है कि एडवोकेट जनरल और वकीलों को शामिल कर सीएम एक समिति बनाएं, जो ये पहचान कर सके कि योग्य उम्मीदवार कौन से हैं ताकि उनकी सेवाएं जारी रखी जा सकें। उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में अपने एक फैसले से राज्य के 25 हजार से ज्यादा शिक्षकों की भर्ती को निरस्त कर दिया था। इसे लेकर बंगाल की राजनीति गरमाई हुई है।  भाजपा सांसद और कलकत्ता उच्च न्यायालय के पूर्व जज अभिजीत गंगोपाध्याय ने सुझाव दिया कि समिति का अध्यक्ष राज्य के शिक्षा मंत्री को बनाया जाए। साथ ही समिति में स्कूल सर्विस आयोग के अध्यक्ष और खुद उन्हें भी शामिल किया जा सकता है। पूर्व जज ने ये भी कहा कि इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका भी दायर की जा सकती है। हालांकि सत्ताधारी टीएमसी ने भाजपा सांसद अभिजीत गंगोपाध्याय का सुझाव खारिज कर दिया है और कहा है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अब इसका कोई समाधान नहीं हो सकता।  अभिजीत गंगोपाध्याय ने सीएम से अपील करते हुए कहा कि ‘राजनीति से ऊपर उठें, मेरा दीदी से विनम्र निवेदन है कि वे समिति गठित करने की पहल करें। जहां तक मेरी समझ है और मेरा अनुभव है, ये संभव है कि जो योग्य उम्मीदवार हैं, उनकी नौकरी बच सकती है।’ तामलुक सीट से भाजपा सांसद अभिजीत गंगोपाध्याय ने सुझाव दिया कि शीर्ष वकील और सीपीआईएम के राज्यसभा सांसद बिकास रंजन भट्टाचार्य और कुअ अन्य शीर्ष वकील भी समिति का हिस्सा बनाए जा सकते हैं।  अभिजीत गंगोपाध्याय के सुझाव को खारिज करते हुए टीएमसी सांसद कल्याण बंदोपाध्याय ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अब इस मामले में कुछ नहीं हो सकता। अब जो सुप्रीम कोर्ट ने कहा है उसी के अनुसार आगे कार्रवाई हो सकती है। उन्होंने कहा कि एक दिन पहले गंगोपाध्याय सीएम का इस्तीफा मांग रहे थे और आज समिति बनाने की बात कह रहे हैं। यह राजनीतिक हित साधने के अलावा कुछ नहीं है।

 

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