Tuesday, July 1, 2025

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भूमिका निभाने के लिए तैयार युवा पीढ़ी

भारत सेमीकंडक्टर नवाचार तेजी से विकसित हो रहा है। आईआईटी दिल्ली, आईआईटी बॉम्बे, आईआईटी गुवाहाटी, आईआईटी (बीएचयू) वाराणसी, एनआईटी राउरकेला और सविता इंजीनियरिंग कॉलेज सहित शीर्ष इंजीनियरिंग संस्थान ‘एनालॉग और डिजिटल हैकथॉन’ के माध्यम से चिप डिजाइन नवाचार में अग्रणी बनकर उभरे हैं। चिप्स टू स्टार्ट-अप (सी2एस) पहल के तहत हैकथॉन का अयोजन किया गया। एनालॉग डिजाइन हैकथॉन में आईआईटी दिल्ली की टीम को पहला तो एनआईटी राउरकेला की टीम दूसरा पुरस्कार हासिल किया। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने विजेताओं की घोषणा की। साथ ही वैष्णव ने कहा, सेमीकंडक्टर डिजाइन को एक रणनीतिक रूप से अनिवार्यता मानते हुए इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (एमईआईटीवाई) देश के चिप डिजाइन पारिस्थितिकी तंत्र को विकसित करने की दिशा में हरसंभव कदम उठा रहा है।  एमईआईटीवाई की अगुवाई में चिप्स टू स्टार्ट-अप (सी2एस) कार्यक्रम भारत के सेमीकंडक्टर पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने के उद्देश्य से की गई एक बड़ी पहल है। इसका लक्ष्य चिप डिजाइन में विशेषज्ञता प्राप्त बीटेक, एमटेक और पीएचडी स्तर पर 85,000 इंजीनियरों को तैयार करना है। देश के सेमीकंडक्टर कार्यक्रम का विस्तार करते हुए मंत्रालय ने ‘डिजिटल इंडिया आरआईएससी-वी प्रोसेसर’ लॉन्च करने की भी घोषणा की है। इसके लिए 10 अप्रैल, 2025 से आवेदन आमंत्रित किए जाएंगे। यह पहल सी-डैक के वेगा प्रोसेसर और आईआईटी मद्रास के शक्ति माइक्रोप्रोसेसरों से संचालित होगी।

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