वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि मोदी सरकार पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर में शांति बहाली और उसकी समृद्धि के लिए प्रतिबद्ध है।हमारे पास अधिक संवेदनशीलता है, हम मणिपुर और देश के हर राज्य की परवाह करते हैं। मणिपुर के मुद्दे पर विपक्ष के लगातार हमलों के बीच वित्त मंत्री ने मंगलवार को राज्यसभा में कहा कि तत्कालीन प्रधानमंत्री पीवी नरसिंह राव और इंद्र कुमार गुजराल के समय में भी मणिपुर में अशांति की स्थिति बनी थी, लेकिन तब दोनों प्रधानमंत्री एक बार भी वहां नहीं गए थे। सीतारमण ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए मणिपुर के बजट व उससे संबंधित अनुदान की अनुपूरक मांगों पर चर्चा का जवाब देते हुए दावा किया कि कुछ छिटपुट घटनाओं को छोड़कर पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर में कानून-व्यवस्था की स्थिति में सुधार हुआ है।वित्त मंत्री ने कहा, केंद्र और राज्य सरकार दोनों के सामूहिक प्रयास से कुछ छिटपुट घटनाओं को छोड़कर राज्य में कानून और व्यवस्था की स्थिति में काफी हद तक सुधार हुआ है। मणिपुर को तेज आर्थिक विकास के लिए हरसंभव वित्तीय सहायता दी जाएगी। हमारी सरकार मणिपुर में सामान्य स्थिति लाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह मणिपुर गए थे और कई राहत शिविरों में जाकर पीड़ितों की समस्याओं को सुना था।विपक्ष के डबल इंजन सरकार के तंज पर वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा, डबल इंजन, बेशक डबल इंजन। यही कारण है कि गृह मंत्री शाह मणिपुर में चार दिन रुके थे। यही कारण है कि गृह राज्य मंत्री 23 दिनों से अधिक समय तक वहां रहे। इसलिए, कृपया तुलना न करें कि आपने (कांग्रेस) मणिपुर को कैसे संभाला और यह सरकार मणिपुर को कैसे संभाल रही है। हमारे पास अधिक संवेदनशीलता है, हम मणिपुर और इस देश के हर राज्य की परवाह करते हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मणिपुर नहीं जाने के विपक्ष के आरोपों पर सीतारमण ने कहा, प्रधानमंत्री जब मणिपुर के बारे में लोकसभा में बोल रहे थे, तब विपक्ष ने उन्हें बोलने नहीं दिया। फिर भी उन्होंने अपनी बात मजबूती के साथ रखी। वित्त मंत्री ने विपक्ष से अनुरोध किया कि मणिपुर एक संवेदनशील मुद्दा है। सभी को एक-दूसरे का समर्थन करना होगा। मोदी सरकार ने मणिपुर सहित देश के सभी राज्यों के प्रति पूरी संवेदनशीलता दिखाई है।