आतंकी समूह आईएसआईएल भारत में बड़े हमले को अंजाम देने में असमर्थ रहा, लेकिन उसके आकाओं ने समर्थकों के जरिये लोन एक्टर हमलों को अंजाम देने का प्रयास किया। संयुक्त राष्ट्र ने अपनी हालिया रिपोर्ट में यह जानकारी साझा की।
आईएसआईएल (दाएश), अल-कायदा, संबंधित व्यक्तियों तथा संस्थाओं के संबंध में विश्लेषणात्मक सहायता एवं प्रतिबंध निगरानी टीम की 35वीं रिपोर्ट के अनुसार, ये आतंकी समूह व सहयोगी संगठन बाहरी आतंकरोधी दबाव के कारण स्थिति को ध्यान में रखकर साजिशें रच रहे हैं। कम केंद्रीकृत संगठनात्मक संरचनाओं के कारण उनसे पैदा होने वाला खतरा बरकरार है। इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड द लेवेंट (आईएसआईएल) एक आतंकी समूह है, जिसका लक्ष्य पश्चिम एशिया में खलीफा का शासन (खिलाफत) स्थापित करना है। रिपोर्ट के अनुसार, दाएश समर्थक अल-जौहर मीडिया अपने प्रकाशन सेरात उल-हक के माध्यम से भारत विरोधी प्रचार कर रहा है। बता दें कि लोन एक्टर हमले विचारधारा से प्रेरित हिंसक वारदातें हैं, जिन्हें ऐसे लोग अंजाम देते हैं जो किसी आतंकी संगठन का सीधा हिस्सा नहीं होते व किसी दूसरे का आदेश मानने के लिए बाध्य नहीं होते। रिपोर्ट में कहा गया है कि अफगानिस्तान में दो दर्जन से अधिक आतंकी समूह सक्रिय हैं। संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देशों ने इन्हें अफगानिस्तान के साथ-साथ क्षेत्र के अन्य देशों के लिए भी खतरे के रूप में आंका है। रिपोर्ट के अनुसार, सत्ता तथा वरिष्ठ व मध्यम स्तर के नेतृत्व को गंवाने के बावजूद अफगानिस्तान में आतंकी संगठनों की उपस्थिति उसके साथ-साथ मध्य एशियाई देशों की स्थिरता के लिए बड़ा खतरा और गंभीर चुनौती है।
इसके अलावा, दाएश से अंतरराष्ट्रीय शांति व सुरक्षा को खतरे से संबंधित महासचिव की 20वीं रिपोर्ट के अनुसार, दाएश से पैदा होने वाले खतरी की गंभीरता चिंताजनक बनी हुई है। रिपोर्ट के अनुसार, दाएश नेतृत्व तथा उसकी वित्तीय गतिविधियों को लक्षित करने में सदस्य देशों व अंतरराष्ट्रीय साझेदारों की लगातार प्रगति के बावजूद आतंकी समूह खुद को परिस्थिति के अनुरूप ढाल रहा है। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने अपनी रिपोर्ट में कहा, अफगानिस्तान में स्थिति चिंताजनक बनी हुई है। इस्लामिक स्टेट-खुरासान न केवल देश, बल्कि क्षेत्र और उससे आगे के लिए भी खतरा बना हुआ है। मैं सभी सदस्य देशों से आह्वान करता हूं कि वे एकजुट होकर अफगानिस्तान को फिर से अन्य देशों को प्रभावित करने वाली आतंकी गतिविधियों का केंद्र बनने से रोकें।