अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि ट्रांसजेंडर खिलाड़ी महिला वर्ग के खेलों में हिस्सा नहीं ले सकेंगी। यह आदेश उन ट्रांसजेडर खिलाड़ियों पर लागू होगा, जो जन्म के समय पुरुष थे और बाद में लिंग परिवर्तन कराकर महिला बन गए। ट्रंप ने कहा था कि उनके कार्यकाल में अमेरिका में तीसरे लिंग की कोई जगह नहीं रहेगी, अब केवल महिला और पुरुष ही दो लिंग होंगे। उनके इस आदेश का असर कई बड़ी कंपनियों पर भी पड़ने लगा है। ताजा घटनाक्रम में डेलोइट की अमेरिकी इकाई ने अपनी नीतियों में बदलाव का एलान किया है। कंपनी ने कहा अब कर्मचारी अपने ई-मेल में इस्तेमाल होने वाले नाम (हस्ताक्षर) में लिंग का खुलासा करने वाले शब्दों का इस्तेमाल नहीं कर सकेंगे। इस कंपनी की नीति के कारण सरकारी अनुबंधों पर काम करने वाले कर्मचारियों के साथ-साथ और कंपनी के विविधता और समावेशन कार्यक्रम भी प्रभावित हुए हैं।जानकारों का कहना है कि ट्रंप के कार्यकारी आदेश का निजी कंपनियों पर सीधा असर नहीं पड़ेगा, लेकिन लिंग लेकर उनकी नीतियों के भावी असर को देखते हुए कंपनियां एहतियात बरत रही हैं। यही कारण है कि डेलोइट यूएस ने सार्वजनिक रूप से ईमेल हस्ताक्षरों में ऐसे नाम का इस्तेमाल नहीं करने को कहा है, जिससे कर्मचारी के लिंग का खुलासा होता हो। कंपनी ने सीधे तौर पर इस फैसले का कारण नहीं बताया है कि लेकिन कर्मचारियों के ई-मेल से जुड़े हालिया आदेश में कहा गया है कि सरकारी क्लाइंट प्रथाओं और जरूरतों के बीच बेहतर तालमेल सुनिश्चित करने के लिए यह फैसला लिया गया है।फाइनांशियल टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक डेलोइट ने यह भी कहा है कि अमेरिका में वह अपने विविधता लक्ष्य, समानता और समावेशन रिपोर्ट और DEI प्रोग्रामिंग जैसे कार्यक्रम समाप्त करेगी। इससे पहले हाल ही में एक्सेंचर ने भी कहा था कि अमेरिकी राजनीतिक परिदृश्य में बदलाव को देखते हुए कंपनी अपने वैश्विक विविधता लक्ष्यों और जनसांख्यिकी-विशिष्ट कैरियर कार्यक्रम को खत्म कर रही है।
गौरतलब है कि ट्रंप खेलों में ट्रांसजेंडर एथलीट के भाग लेने पर रोक लगाने के अलावा ट्रांसजेंडर्स सैनिकों के अमेरिकी सेना में भर्ती पर रोक लगाने की योजना बना चुके हैं। ट्रंप ने अपने पहले कार्यकाल के दौरान भी ट्रांसजेंडर्स सैनिकों पर प्रतिबंध लगाने की कोशिश की थी, लेकिन कानूनी कार्यवाही के चलते वह ऐसा नहीं कर सके थे। ट्रंप के दूसरे कार्यकाल में लिंग को लेकर जारी कार्यकारी आदेश के बाद अमेरिका के आधिकारिक दस्तावेजों और संदेशों में केवल दो लिंगों को ही मान्यता दी जाएगी। इस आदेश के बाद यह अनिवार्य हो जाएगा संघीय पैसे का उपयोग ‘लिंग विचारधारा’ को बढ़ावा देने के लिए नहीं किया जाए। सरकारी एजेंसियों को यह सुनिश्चित करना होगा।