राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल में भारत और अमेरिका संबंध कैसे रहेंगे, ये सवाल तमाम लोगों के मन में कौंध रहा है। ट्रंप ने शपथ ग्रहण के बाद पहले तीन हफ्ते में ही कई कड़े फैसले लिए हैं। पीएम मोदी की आगामी यात्रा और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ बैठक के संबंध में ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन अमेरिका के कार्यकारी निदेशक ध्रुव जयशंकर ने कहा, ‘मैं इस बैठक के परिणाम में 4 अलग-अलग चीजों की उम्मीद करूंगा। पहली चीज ये कि वे किस तरह के व्यक्तिगत संबंध फिर से स्थापित कर सकते हैं? भारत और अमेरिका के बीच संरचित जुड़ाव के लिए मौजूदा उच्च-स्तरीय प्रारूपों की निरंतरता कैसे बरकरार रहेगी, इस पर भी नजर रहेगी।
ध्रुव जयशंकर ने कहा, क्या संबंधों में कठिनाइयों, विशेष रूप से टैरिफ और आव्रजन को दूर करने का कोई रास्ता है? इस पर भी नजरें रहेंगी। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच कई जटिल मुद्दे हैं, इसलिए उन्हें जल्द ही समाधान की उम्मीद नहीं है। साथ ही जयशंकर ने यह भी कहा, ‘अगले साल दोनों देशों के बीच अहम मुद्दों को हल करने के कुछ स्पष्ट रास्ते सामने आ सकते हैं।’ अंत में दोनों देशों के लिए फायदे का सौदा हो, ऐसी आम सहमति बननी चाहिए। ऐसे ही कुछ बिंदुओं के कारण ट्रंप को यह कहने का मौका भी मिलता है कि अमेरिका में व्यापार घाटे और रोजगार सृजन में भारत की भूमिका है। हालांकि, यह भी हकीकत है कि अमेरिका भारत में मेक इन इंडिया और भारत में तकनीकी विकास कार्यक्रमों में योगदान दे रहा है। बता दें कि पीएम मोदी फ्रांस दौरे पर हैं। इसके बाद वे अमेरिका जाएंगे। बदलते वैश्विक परिदृश्य में डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल में भारत-अमेरिका सामरिक संबंध कैसे रहेंगे? इस पर सभी सवाल हो रहे हैं। ध्रुव जयशंकर ने इस पहलू पर कहा, पीएम मोदी और डोनाल्ड ट्रंप के साथ बैठक के दौरान दो तरह के रक्षा समझौते होंगे। ये आंशिक रूप से अमेरिका और भारत की विभिन्न प्राथमिकताओं को भी दर्शाते हैं। कुछ ऐसी चीजें हैं जो भारत के पास पहले से ही हैं, जो अमेरिका की सूची में हैं। इन चीजों को भारत और अधिक खरीदना चाहता है। उदाहरण के लिए विमान। यह क्षेत्र अमेरिका के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे नौकरियां पैदा करने और व्यापार घाटे को कम करने में मदद मिलेगी। यह राष्ट्रपति ट्रंप के लिए भी बड़ी प्राथमिकता है। भारत को कुछ सह-उत्पादन या सह-तकनीकी लाभ के अवसर भी हैं। उन्होंने कहा कि भारत इन क्षेत्रों में भी अवसरों की तलाश करना चाहेगा।





