Monday, December 22, 2025

Top 5 This Week

Related Posts

आठ साल में भारत के कई राज्यों में पहुंचा जीका वायरस

भारत में जीका वायरस के बढ़ते प्रकोप पर विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने चिंता जताई है। डब्ल्यूएचओ के अनुसार, भारत में आठ साल में जीका वायरस का प्रसार कई राज्यों तक पहुंच गया है। 2024 में 151 लोग इसकी चपेट में आए। इनमें अकेले महाराष्ट्र में 140 मामले दर्ज हुए। कर्नाटक व गुजरात में क्रमशः 10 और एक मरीज मिले हैं। इससे पूर्व 2021 में भारत में सर्वाधिक 234 मरीज मिले थे। वर्ष 2022 में दो और 2023 में 23 मामले सामने आए। भारत में पहली बार 2016 में गुजरात में जीका वायरस संक्रमित की पहचान हुई। तब से इसके मामले तमिलनाडु, मध्य प्रदेश, राजस्थान, केरल, महाराष्ट्र, यूपी, दिल्ली व कर्नाटक में मिले हैं। जीका वायरस एक मच्छर जनित है जिसे पहली बार 1947 में युगांडा में एक रीसस मकाक बंदर में पहचाना गया। यह संक्रमित एडीज मच्छर के काटने से मनुष्यों में फैलता है। जीका वायरस गर्भावस्था में मां से भ्रूण तक पहुंच सकता है। वर्ष 2021 के बाद महाराष्ट्र में पहली बार सर्वािधक मरीज सामने आए हैं। वर्ष 2021 से 2023 के बीच क्रमश: एक, तीन व 18 संक्रमित पाए गए। जीका वायरस का कोई विशिष्ट उपचार उपलब्ध नहीं है।

भारत के एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम (आईडीएसपी) से प्राप्त जानकारी के हवाले से डब्ल्यूएचओ ने महाराष्ट्र के पुणे में प्रसारित गुइलिन-बैरी सिंड्रोम (जीबीएस) को लेकर कहा है कि अभी तक जीका वायरस और जीबीएस से संबंधित कोई मिश्रित मामला सामने नहीं आया है। हालांकि भारत का आईडीएसपी नेटवर्क अलग से गर्भवती महिलाओं को लेकर रिपोर्टिंग नहीं कर रहा है जिसकी वजह से गर्भवती महिलाओं में जीका वायरस संक्रमण की संख्या अज्ञात है। राहत यह है कि अभी तक भारत में जीका से संबंधित कोई माइक्रोसेफली मामला सामने नहीं आया है। माइक्रोसेफली में बच्चे का सिर सामान्य से बहुत छोटा होता है।

Popular Articles