Friday, December 26, 2025

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लखनऊ बॉय शुभांशु शुक्ला अंतरिक्ष में लहराएंगे भारत का परचम

वर्ष 1999 के कारगिल युद्ध के दौरान भारतीय जवानों की जांबाजी की खबरों से प्रभावित होकर एक चौदह वर्षीय किशोर ने दृढ़ निश्चय किया कि मैं भी सेना में भर्ती होकर देश सेवा करूंगा। आज वह भारतीय वायुसेना में ग्रुप कैप्टन है और उनका नाम है शुभांशु उर्फ गुंजन शुक्ला। शुभांशु हाल ही में नासा द्वारा घोषित किए गए अंतरिक्ष अभियान एक्सिओम मिशन-4 के लिए फाइनल किए गए चार क्रू मेंबर्स के मुख्य पायलट होंगे। वह अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) पर जाने वाले पहले भारतीय अंतरिक्ष यात्री बनने का कीर्तिमान रचेंगे। धीर-गंभीर स्वभाव के शुभांशु शुक्ला इरादों के पक्के हैं, अवसरों का सदुपयोग करते हैं और सही वक्त पर सही निर्णय भी लेते हैं। इन्हीं खूबियों की वजह से शुभांशु का नाम मिशन के मुख्य पायलट के तौर पर फाइनल किया गया है।शुभांशु शुक्ला का जन्म 10 अक्तूबर, 1985 को उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में हुआ। उनके पिता शंभू दयाल शुक्ला उत्तर प्रदेश सरकार की सेवा से सेवानिवृत्त हैं। माता गृहिणी हैं। शुभांशु के पिता सत्तर के दशक में हरदोई जिले के संडीला से लखनऊ आ गए थे। उनकी दो बहनें निधि और शुचि हैं। शुभांशु ने तीन से अठारह वर्ष की उम्र तक यानी पूरी स्कूली शिक्षा लखनऊ के अलीगंज में स्थित सिटी मॉन्टेसरी स्कूल से पूरी की। वर्ष 2003 में उन्हें राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (एनडीए) में चुना गया। ट्रेनिंग के बाद शुभांशु ने विमानन क्षेत्र में विशेषज्ञता हासिल की और 2006 में भारतीय वायुसेना का हिस्सा बने। शुभांशु की पत्नी डॉ. कामना डेंटिस्ट हैं और उनका एक बेटा (कियास) है। शुभांशु को परिजन प्यार से गुंजन बुलाते हैं।शुभांशु की खासियत है कि कितनी भी विषम परिस्थिति हो, वह अपना आपा कभी नहीं खोते। अंतरिक्ष पर जाने से पहले क्रू मेंबर को कई कसौटियों से गुजरना पड़ता है। वर्ष 2006 में फाइटर जेट उड़ाने वाले बेड़े का हिस्सा बने शुभांशु फाइटर कॉम्बैट लीडर और एक टेस्ट पायलट हैं, जिनके पास लगभग दो हजार घंटे की उड़ान का अनुभव है। उन्होंने एसयू-30 एमकेआई, मिग-21, मिग-29, जगुआर, हॉक, डोर्नियर, एएन-32 समेत कई तरह के विमान उड़ाए हैं। वह वर्ष 2019 में भारत के पहले मानव अंतरिक्ष अभियान गगनयान के लिए अंतरिक्ष यात्री के रूप में चुने गए थे। उन्होंने भारत और रूस के बीच गगनयान मिशन की ट्रेनिंग के लिए हुए समझौते के तहत 2021 में मॉस्को में गागरिन कॉस्मोनॉट ट्रेनिंग सेंटर से प्रशिक्षण हासिल किया। इसके बाद इसरो के बंगलूरू स्थित ट्रेनिंग सेंटर में जारी परीक्षणों में भी शामिल रहे। 27 फरवरी, 2024 को गगनयान मिशन के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुभांशु शुक्ला के नाम की घोषणा की। वहीं बीते साल अगस्त में एक्सिओम मिशन-4 के लिए चयन हुआ और 31 जनवरी, 2025 को आखिरकार मिशन के अंतिम क्रू मेंबर में शामिल हुए।

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