पाकिस्तान में जारी सियासी घमासान के बीच पाकिस्तानी गृह मंत्री मोहसिन नकवी का बयान सामने आया है। उन्होंने शनिवार को कहा कि शहबाज सरकार जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) से 8 फरवरी को होने वाले प्रस्तावित विरोध प्रदर्शन पर पुनर्विचार करने का अनुरोध करेगी। साथ ही नकवी ने कहा कि अगर पीटीआई ऐसा करने से इनकार करती है, तो सरकार को आवश्यक कार्रवाई करनी पड़ेगी। बता दें कि जेल में बंद पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी ने 8 फरवरी को ‘काला दिवस’ मनाने का एलान किया है। जिस दौरान वो पाकिस्तान सरकार का विरोध करेंगे। क्योंकि पिछले साल आठ फरवरी को ही पाकिस्तान में आम चुनाव हुए थे। लाहौर में पेको रोड पर मेगा पासपोर्ट सेंटर के दौरे के दौरान नकवी ने बताया कि इसी तरह का अनुरोध 26 नवंबर को भी किया गया था और 8 फरवरी के विरोध प्रदर्शन से पहले एक और अनुरोध जारी किया जाएगा। अगर फिर भी पार्टी विरोध करने पर अड़ी रहती है, तो राज्य हस्तक्षेप करने के लिए मजबूर होगा।
देखा जाए तो इसी बीच, इमरान खान ने 8 फरवरी को होने वाले विरोध प्रदर्शन से पहले सुप्रीम कोर्ट से पाकिस्तान के लोगों के मौलिक अधिकारों की रक्षा के लिए हस्तक्षेप करने का आग्रह किया। खान ने एक पत्र में मानवाधिकार उल्लंघन, चुनावी धोखाधड़ी और पार्टी कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारियों का उल्लेख किया।
खान ने यह पत्र पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश याह्या अफरीदी और न्यायमूर्ति अमीनुद्दीन को भेजा, जिसमें उन्होंने राज्य के अन्य अंगों द्वारा उत्पीड़न और धोखाधड़ी के आरोप लगाए। इस पत्र को खान ने शुक्रवार रात अपने आधिकारिक एक्स (पूर्व ट्विटर) हैंडल पर साझा किया।
गौरतलब है कि पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान 2023 के मध्य से रावलपिंडी की अदियाला जेल में बंद हैं और उनकी पार्टी फरवरी 2024 में होने वाले आम चुनावों के बाद से संघीय सरकार के साथ टकराव में है। इसके लिए पीटीआई ने पहले ही घोषणा की है कि वह 8 फरवरी को काला दिवस के रूप में मनाएगी, क्योंकि उसी दिन पिछले साल चुनाव हुए थे।