देश के आखिरी छोर तक कैंसर उपचार पहुंचाने के लिए सरकार ने डे केयर कैंसर सेंटर शुरू करने की घोषणा की है। कुल 700 में से 200 सेंटर इस साल के अंत तक शुरू होंगे। प्रत्येक सेंटर पर 10 बेड की व्यवस्था होगी जहां मरीज कीमोथेरेपी लेने के बाद शाम को अपने घर जा सकेगा। इस तरह कुल 7000 नए बेड जिला अस्पतालों में जोड़ने की योजना है। करीब छह महीने पहले प्रधानमंत्री कार्यालय को भेजे प्रस्ताव में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने ये जानकारी दी है। मंत्रालय के एक शीर्ष अधिकारी ने बताया कि कैंसर सहित गैर संचारी रोगों के खिलाफ सरकार काफी समय से राज्यों के साथ मिलकर काम कर रही है। गैर-संचारी रोगों की रोकथाम और नियंत्रण के लिए राष्ट्रीय कार्यक्रम भी लागू है। अब तक 707 जिला एनसीडी क्लीनिक, 268 जिला डे केयर केंद्र और 5541 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र एनसीडी क्लीनिक स्थापित किए गए हैं। आगे इन्हीं केंद्रों के साथ डे केयर कैंसर सेंटर को रखने की योजना है। शीर्ष अधिकारी ने बताया कि अभी इन केंद्रों पर पांच तरह के कैंसर की स्क्रीनिंग की जा रही है, लेकिन डे केयर कैंसर सेंटर शुरू होने के बाद यहां चिकित्सा परामर्श से लेकर कीमोथेरेपी और दिन में एक समय का आहार भी रोगियों को उपलब्ध होगा।सरकार ने इस साल स्वास्थ्य के लिए कुल 99,858 करोड़ रुपये का बजट आवंटित करने का फैसला लिया है। इसको लेकर एक अधिकारी ने बताया कि फिलहाल इसमें डे केयर कैंसर सेंटर के लिए खर्चा तय नहीं है। अगले कुछ सप्ताह में इसे लेकर चर्चा की जाएगी। अगर जरूरी हुआ तो मौजूदा ब्योरे में संशोधन किया जा सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि देश के सभी 700 डे केयर कैंसर सेंटर को 19 राज्य कैंसर संस्थान और 20 तृतीयक देखभाल कैंसर अस्पतालों के साथ लिंक किया जाएगा। ताकि जरूरत पड़ने पर ई संजीवनी सुविधा के जरिये वरिष्ठ कैंसर विशेषज्ञों से परामर्श ली जा सके।
गौरलतब है कि फरवरी 2024 में तत्कालीन केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने कहा कि कैंसर के मामले बढ़ रहे हैं। इसी बीच ग्लोबोकॉन का एक अध्ययन सामने आया जिसके मुताबिक भारत में कैंसर से होने वाली मौतों में 2020 से 2040 तक 57.5% की वृद्धि हो सकती है। देश में प्रति वर्ष करीब 15 लाख नए कैसर केस सामने आ रहे हैं जबकि आठ लाख रोगी मारे जा रहे हैं। इम्यूनथेरेपी का चलन सिर्फ 3% है क्योंकि यह बहुत कीमती है।