Friday, March 14, 2025

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भारत-यूएस के बीच सहयोग की अभूतपूर्व संभावनाएं

भारत और अमेरिका के संबंध हाल के वर्षों में काफी मजबूत हुए हैं। अब जब अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप आगामी 20 जनवरी को राष्ट्रपति पद की शपथ लेने वाले हैं, और पीएम मोदी के तीसरे कार्यकाल को शुरू हुए कुछ ही महीनों का वक्त गुजरा है, ऐसे में दोनों देशों के बीच सहयोग की अपार संभावनाएं हैं। प्रसार भारती के पूर्व सीईओ शशि शेखर वेमपति का ये कहना है। अमेरिका के अखबार बाल्टीमोर सन में लिखे एक लेख में वेमपति ने कहा कि अमेरिकी नीति-निर्धारकों, नागरिकों को पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत में हो रहे बदलाव को समझने की जरूरत है।  एडवांस्ड टेलीविजन सिस्टम्स कमेटी की बिजनेस एडवाइजरी काउंसिल के सदस्य शशि शेखर वेमपति ने लिखा कि भारत और अमेरिका के आजादी और लोकतंत्र के साझा सिद्धांत हैं और दोनों देशों की चुनौतियां भी समान हैं, जैसे बोलने की आजादी, भ्रामक सूचनाओं से लड़ना और तकनीकी बेहतरी को बढ़ावा देना। वेमपति ने कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत डिजिटल समावेशन पर फोकस कर रहा है। भारत ने दुनिया को दिखाया है कि तकनीक लोकतांत्रिक ताकत के रूप में क्या कर सकती है। साल 2014 में सत्ता में आने के बाद से प्रधानमंत्री मोदी ने प्रशासन को पुनःपरिभाषित किया है।वेमपति के अनुसार, पीएम मोदी के डिजिटल इंडिया, यूपीआई और डिजिटल कॉमर्स के लिए ओपन नेटवर्क जैसी पहल से क्रांति आई है। पीएम मोदी का 2047 का रोडमैप भारत को वैश्विक महाशक्ति बनाने का है। भारत और अमेरिका मिलकर मीडिया को बेहतर करने, तकनीक और प्रशासन की बेहतरी के लिए काम कर सकते हैं। प्रसार भारती के पूर्व सीईओ ने लिखा कि भारत में वैश्विक चुनौतियों के बावजूद तेजी से बदलाव हो रहे हैं। इन चुनौतियों से निपटने के लिए तकनीक में निवेश करना जरूरी है। भारत और अमेरिका खाद्य आपूर्ति श्रृंखला और अहम तकनीक में निवेश पर फोकस कर सकते हैं। क्वाड भी भारत और अमेरिका के सहयोग का बेहतर उदाहरण है। वेमपति ने कहा कि भारत और अमेरिका के बीच डायरेक्टर टू मोबाइल ब्रॉडकास्टिंग तकनीक पर सहयोग हो सकता है। इसमें एटीएससी 3.0 प्रसारण पर आधारित तकनीक है। इसे अगली पीढ़ी की तकनीक माना जा रहा है।

 

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