फेसबुक की मालिक कंपनी मेटा और अमेजन डॉट कॉम ने अमेरिकी राष्ट्रपति पद पर डोनाल्ड ट्रंप की वापसी से पहले अपने उदार कार्यक्रम बंद करने का फैसला किया है। इसमें नफरत फैलाने वाले भाषणों पर ढील देने के अलावा कई उदारवादी नियमों के तहत तथ्य-जांच को रद्द करना शामिल है। कंपनियों ने इस तरह की पहल का कारण रूढि़वादी विरोध को बताया है। उधर, निवर्तमान राष्ट्रपति जो बाइडन ने तथ्य-जांच कार्यक्रमों को रद्द करने का निर्णय ‘शर्मनाक’ बताया है। बाइडन ने कहा, सोशल मीडिया कंपनियों का ऐसा फैसला वाकई शर्मनाक है। 2020 में जॉर्ज फ्लॉयड की पुलिस द्वारा हत्या और अन्य अश्वेत नागरिकों से हुई अभद्रता के बाद कंपनियों को अधिक समावेशी नीतियों के लिए कहा गया था, ताकि किसी समुदाय को उनके साथ अन्याय होता दिखाई न दे। उधर, अमेजन डॉट कॉम भी प्रतिनिधित्व-समावेशन संबंधी कार्यक्रमों व सामग्रियों को बंद कर रहा है। मेटा और अमेजन डॉट कॉम के इस फैसले पर मानवाधिकार समूहों ने चिंता जताई है। उन्होंने कहा, मेटा यूजर्स अब लिंग पहचान, यौन मामलों, अश्वेतों और आव्रजन जैसे मुद्दों पर खुलकर टिप्पणियां कर सकेंगे। मानवाधिकार समूहों का कहना है कि सोशल मीडिया पर इस कदम से नफरती भाषणों की बाढ़ आ जाएगी और इसका सीधा असर समाज पर पड़ेगा। मेटा के सीईओ मार्क जुकरबर्ग ने खुलासा किया कि बाइडन प्रशासन ने फेसबुक को कोविड-19 टीकों से संबंधित सामग्री को सेंसर करने के लिए मजबूर किया था। कहा, वैक्सीन कार्यक्रम को अब शुरू कर रहा हूं। पहले टीका-सामग्री देते वक्त बाइडन प्रशासन ने इसे सेंसर किया। उसने कहा, टीकों के दुष्प्रभाव संबंधी सारी जानकारी आप हटा दें।