Wednesday, February 5, 2025

Top 5 This Week

Related Posts

भारत से राजनीतिक-आर्थिक संबंधों की मजबूती चाहते हैं

अफगानिस्तान की सत्ता पर काबिज तालिबान ने भारत की तारीफ करते हुए अपना सबसे महत्वपूर्ण क्षेत्रीय सहयोगी बताया है। यह भी कहा कि वह भारत की सुरक्षा चिंताओं पर पूरा ध्यान देगा। तालिबान सरकार का यह बयान इसलिए अहम है, क्योंकि दो दशक पहले अफगानिस्तान में जब पहली बार तालिबान सत्ता में आए थे, तो भारत संग उनके संबंध बेहद खराब रहे थे। अफगान विदेश मंत्री आमिर खान मुत्तकी की भारतीय विदेश सचिव विक्रम मिस्री से बुधवार को दुबई में हुई बैठक के बाद तालिबान सरकार के विदेश मंत्रालय ने यह बयान जारी किया। बयान में कहा है, मिस्री व मुत्तकी के बीच ईरान में चाबहार बंदरगाह के माध्यम से व्यापार बढ़ाने पर चर्चा हुई। तालिबान ने कहा कि संतुलित और अर्थव्यवस्था-केंद्रित विदेश नीति के मद्देनजर अफगानिस्तान अहम सहयोगी के तौर पर भारत से राजनीतिक-आर्थिक संबंधों को मजबूत करना चाहता है। अफगानिस्तान में 2021 में तालिबान के कब्जे के बाद भारत के साथ अब तक की सबसे शीर्ष स्तर की बातचीत में दोनों पक्षों ने व्यापार संबंधों के अलावा मानवीय सहायता व विकास परियोजनाओं में भारत की भागीदारी पर विस्तार से चर्चा की। एक दिन पहले ही भारतीय विदेश मंत्रालय ने बताया था कि भारत अफगानिस्तान में विकास परियोजनाओं में फिर से भागीदारी पर विचार कर रहा है।  पाकिस्तान से तनावपूर्ण रिश्ते के बीच अफगानिस्तान की भारत से बढ़ती नजदीकी अहम मानी जा रही है। विशेषज्ञों का मानना है, यह दोस्ती अफगानिस्तान की धरती का भारत के खिलाफ इस्तेमाल रोकने के लिहाज से महत्वपूर्ण है। दोस्ती आर्थिक संकटों में घिरे पाकिस्तान की मुश्किलें और बढ़ा सकती है।

चीन के साथ पाकिस्तान ने जो ग्वादर बंदरगाह विकसित किया है, उसके कारोबार का बड़ा हिस्सा ईरान के चाबहार बंदरगाह को मिलने की उम्मीद है। मिस्री व मुत्तकी ने चाबहार बंदरगाह से व्यापार बढ़ाने पर चर्चा की है।

Popular Articles