राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने प्रसिद्ध मलयालम लेखक एमटी वासुदेवन नायर के निधन पर गुरुवार को शोक जताया। उन्होंने कहा कि मलयालम लेखक के निधन से साहित्य जगत में एक अपूरणीय क्षति हुई है। प्रसिद्ध मलयालम लेखक और ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित एमटी वासुदेवन नायर का बुधवार को निधन हो गया था। वह 91 वर्ष के थे। उनका अंतिम संस्कार गुरुवार शाम पांच बजे मावूर रोड श्मशान घाट पर होगा। राष्ट्रपति मुर्मू ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा कि वासुदेवन नायर के निधन से साहित्य की दुनिया में अपूरणीय क्षति हुई है। उन्होंने लिखा, ‘उनके लेखन से ग्रामीण भारत जीवंत हो उठा।’ राष्ट्रपति ने कहा कि उन्हें प्रतिष्ठित साहित्यिक पुरस्कारों से सम्मानित किया गया और उन्होंने फिल्मों में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया। उन्हें पद्म भूषण से सम्मानित किया गया। मैं उनके परिवार के सदस्यों और बड़ी संख्या में उनके पाठकों एवं प्रशंसकों के प्रति हार्दिक संवेदना व्यक्त करती हूं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी प्रख्यात मलयालम साहित्यकार एमटी वासुदेवन नायर के निधन पर शोक जताया। पीएम मोदी ने ‘एक्स’ के जरिए शोक व्यक्त करते हुए कहा कि नायर मलयालम सिनेमा और साहित्य जगत की सबसे सम्मानित हस्तियों में से एक थे। उन्होंने लिखा, ‘मानवीय भावनाओं में गहराई तक उतरने वाली उनकी कृतियों ने पीढ़ियों को आकार दिया है तथा वे आगे भी कई लोगों को प्रेरित करती रहेंगी। उन्होंने हाशिए पर पड़े लोगों को आवाज दी। मेरी संवेदनाएं उनके परिवार और प्रशंसकों के साथ हैं। ओम शांति।’ एमटी वासुदेवन नायर का बुधवार को निधन हो गया। वह 91 वर्ष के थे। बीमारी के कारण उनका एक महीने से अधिक समय से इलाज किया जा रहा था। उन्हें 16 दिसंबर को सांस संबंधी जटिलताओं के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उनका बुधवार रात 10 बजे यहां के एक निजी अस्पताल में निधन हो गया। अस्पताल में हृदय रोग विशेषज्ञों और गहन देखभाल विशेषज्ञों सहित चिकित्सकों की एक टीम उनका इलाज कर रही थी।