हमास प्रमुख इस्माइल हानिया की हत्या की जिम्मेदारी लेने पर ईरान ने इस्राइल की निंदा की है। संयुक्त राष्ट्र में ईरान के राजदूत आमिर सईद इरावानी ने संयुक्त राष्ट्र महासचिव को पत्र लिखकर इस्राइल के कबूलनामे को जघन्य अपराध बताया है। साथ ही इस्राइल पर किए गए मिसाइल हमले को हत्या का जवाब करार दिया। ईरानी राजदूत ने पत्र में लिखा कि यह पहली बार है जब इस्राइल ने जघन्य अपराध की खुले तौर पर जिम्मेदारी ली है। इस्राइली रक्षा मंत्री के बयान से साफ है कि ईरान ने इस्राइल पर जवाबी कार्रवाई के तौर पर मिसाइल हमला किया था, वह बिल्कुल सही था। ईरानी राजदूत ने कहा कि एक अक्तूबर 2024 को ईरान ने इस्राइल पर 200 मिसाइलें दागी थी। यह ईरान की रक्षात्मक प्रतिक्रिया थी। साथ ही इससे पुष्टि होती है कि इस्राइल का कब्जा करने वाला और आतंकी शासन क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय शांति-सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा है। 31 जुलाई को तड़के तेहरान में हमास प्रमुख इस्माइल हानिया की हत्या कर दी गई थी। हमास और ईरान दोनों ने इस्राइल पर हानिया की हत्या करने का आरोप लगाया था। इस्राइल ने इन आरोपों को कभी स्वीकार नहीं किया था। मगर इस्राइल ने चार महीने बाद हानिया की हत्या की बात कबूल की थी। इस्राइल के रक्षा मंत्री इस्राइल काट्ज ने कहा था कि इन दिनों हूती आतंकी संगठन इस्राइल पर मिसाइलें दाग रहा है। मैं कहना चाहता हूं कि इस्राइल के बुनियादी ढांचे को जो भी नुकसान पहुंचाएगा, हम उसके नेताओं का सिर काट देंगे। जैसा हमने तेहरान, गाजा और लेबनान में हानिया, सिनवार और नरसल्ला के साथ किया था। हम यमन के होदेदाह और सना में भी यही करेंगे। इस्माइल हानिया, हमास की राजनीतिक शाखा का प्रमुख था। साल 2006 में फलस्तीन के आम चुनावों में हमास की जीत के बाद से ही संगठन में हानिया का दबदबा बढ़ने लगा था। उसे गाजा पट्टी में फलस्तीनी प्राधिकरण का प्रधानमंत्री नियुक्त किया गया। इस दौरान मिस्र से गाजा पट्टी में आयातित वस्तुओं पर भारी कर लगाकर हानिया ने अपनी संपत्ति कई गुना बढ़ा ली। 2014 में हमास द्वारा सभी व्यापार पर 20 प्रतिशत कर लगाए जाने की घोषणा की गई थी। एक रिपोर्ट में दावा किया गया कि इन करों की वजह से हमास के 1,700 टॉप कमांडर करोड़पति बन गए।