पोप फ्रांसिस ने इस्राइल की ओर से गाजा में लगातार की जा रही बमबारी को क्रूरता करार दिया। वहीं इस्राइल ने इसका जवाब दिया है। इस्राइल ने पोप फ्रांसिस पर दोहरा मापदंड अपनाने का आरोप लगाया। पोप फ्रांसिस ने क्रिसमस संबोधन के दौरान कहा कि येरूशलम के कैथोलिक बिशप ने शुक्रवार को गाजा पट्टी में कैथोलिकों से मिलने के लिए प्रवेश करने की कोशिश की थी, लेकिन उन्हें प्रवेश नहीं दिया गया। कल बच्चों पर बमबारी की गई। यह क्रूरता है। यह युद्ध नहीं है। इसके जवाब में इस्राइल के विदेश मंत्रालय ने कहा कि पोप की टिप्प्णियां निराशाजनक हैं, क्योंकि वह जिहादी आतंकवाद के खिलाफ इस्राइल की लड़ाई के सच्चे संदर्भ से अलग हैं। क्योंकि यह युद्ध इस्राइल पर थोपा गया है। इस्राइल की ओर से कहा गया कि दोहरे मापदंडों और यहूदी राज्य, उसके लोगों को अलग-थलग करने के बारे में कई बार बात की जा चुकी है।
इस्राइल ने कहा कि क्रूरता वह है जब आतंकी बच्चों के पीछे छिपकर इस्राइल के बच्चों की हत्या करते हैं। क्रूरता वह है जब आतंकी एक शिशु और बच्चे सहित 100 लोगों को 442 दिन से बंधक बनाए हुए हैं। इनसे दुर्व्यवहार किया जा रहा है। मगर पोप ने इस सब को नजरअंदाज कर दिया है।
इस्राइल का यह भी कहना है कि वह लोगों को बेवजह मारना नहीं चाहता है। मगर हमास गाजा के लोगों को ढाल बनाकर हमले कर रहा है। इसलिए इस्राइल को लगातार जवाब देना पड़ रहा है।हमास ने बीते साल सात अक्तूबर को इस्राइल पर बड़ा आतंकी हमला किया था, जिसमें 1200 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी और 250 लोगों को बंधक बना लिया गया था। अभी भी 100 लोग हमास की कैद में हैं। इस हमले के जवाब में इस्राइल ने गाजा पर हवाई और जमीनी हमला किया, जिसमें 45 हजार से ज्यादा लोग मारे गए।