बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की मुश्किलें खत्म होने का नाम नहीं ले रही हैं। अब उनके सामने और मुसीबत बढ़ सकती हैं। दरअसल, ढाका ने अपदस्थ हसीना के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायालय में मुकदमा चलाने की मांग की है, जबकि वह मानवता के खिलाफ अपराधों के आरोपों में घरेलू न्यायाधिकरण में मुकदमे का सामना कर रही हैं।
आईसीसी के अभियोजक से की मुलाकात
यह जानकारी देश की अंतरिम सरकार के सलाहकार मोहम्मद यूनुस ने गुरुवार को दी। उनकी प्रेस शाखा के एक अधिकारी ने कहा, ‘मुख्य सलाहकार यूनुस ने हसीना के खिलाफ मुकदमे के मुद्दे पर अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायालय (आईसीसी) के अभियोजक करीम ए खान से चर्चा की, जिन्होंने जमुना स्थित उनके आधिकारिक आवास पर उनसे मुलाकात की।’
बंग्लादेश में सरकारी नौकरी में आरक्षण को लेकर विरोध प्रदर्शन हुए थे। इसके बाद हसीना पांच अगस्त को भारत चली गई थीं। तीन दिन बाद ही नोबेल पुरस्कार विजेता यूनुस ने अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार के तौर पर कार्यभार संभाला था। सत्ता छोड़ने के बाद प्रधानमंत्री शेख हसीना के खिलाफ बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने दर्जनों केस दर्ज किए हैं, जिनमें मानवता के खिलाफ अपराध करने का आरोप भी शामिल है। हसीना के अलावा उनके मंत्रिमंडल के कई सदस्यों के खिलाफ भी आरोप लगाए गए हैं, जिनमें से कुछ जेल में बंद हैं और कुछ देश छोड़कर भाग गए हैं। मोहम्मद यूनुस और करीम खान के बीच बुधवार को बैठक हुई। इस दौरान अंतरिम सरकार ने इस बात की जानकारी दी कि बांग्लादेश हसीना और उनके सहयोगियों के खिलाफ आरोपों को आगे बढ़ाने का इरादा रखता है। हसीना पर इल्जाम है कि उनके साशन काल में बड़े पैमाने पर विद्रोह और नरसंहार हुए।
दोनों ने रोहिंग्या संकट और उनके लिए मानवीय सहायता के साथ-साथ म्यांमार के मिलिटरी प्रमुख मिन आंग ह्लाइंग के खिलाफ गिरफ्तारी के लिए औपचारिक वारंट का अनुरोध पर भी चर्चा की। देश में जुलाई-अगस्त के दौरान हुए जन आंदोलनों के दौरान हुए अत्याचारों के खिलाफ जिम्मेदार लोगों की जवाबदेही पर भी चर्चा की गई। आईसीसी अभियोजक ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय अदालत आईसीटी-बीडी को सहयोग देना चाहेगी जिसने अब तक हसीना और उनकी अवामी लीग पार्टी के कई शीर्ष सदस्यों के लिए गिरफ्तारी वारंट जारी किया है।