Saturday, July 5, 2025

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ईरान की धमकी- शिकंजा कसा तो परमाणु हथियार पर बैन हटाएंगे

बीते एक साल से ज्यादा समय से इस्राइल और हमास के बीच जंग जारी हैं। वहीं, इस युद्ध की लपटें लेबनान और ईरान तक पहुंच चुकी हैं। हालांकि, शांति की एक पहल के रूप में इस्राइल और हिजबुल्ला ने शुरुआती दो महीने के लिए युद्ध विराम कर लिया है।इस बीच, ईरान और इस्राइल के बीच तनातनी दिख रही। एक तरफ तेहरान धमकी दे रहा है कि अगर पश्चिमी देशों ने उस पर फिर से प्रतिबंध लगाए तो वह परमाणु हथियार हासिल करने पर लगे प्रतिबंध को खत्म कर सकता है। वहीं, इस पर इस्राइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने भी साफ-साफ कह दिया कि वह ईरान को रोकने के लिए ‘सब कुछ’ करेंगे।

इन तीन देशों के साथ करने वाला चर्चा

ईरान शुक्रवार को अपने परमाणु कार्यक्रम पर बातचीत के लिए ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी से मिलने वाला है। इसके पीछे का कारण यह है कि तीनों देशों की सरकारों ने संयुक्त राष्ट्र परमाणु निगरानी संस्था द्वारा तेहरान की निंदा करवाने के लिए अमेरिका के साथ हाथ मिला लिया है।

पिछले सप्ताह की फटकार के बाद तेहरान ने एक विद्रोही प्रतिक्रिया व्यक्त की थी। मगर, उसके अधिकारियों ने अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सत्ता संभालने से पहले दूसरों के साथ बातचीत करने की इच्छा का संकेत दिया है। ईरान शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए परमाणु ऊर्जा के अपने अधिकार पर जोर देता है, लेकिन संयुक्त राष्ट्र की अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) के अनुसार, यह एकमात्र गैर-परमाणु-हथियार वाला देश है, जो 60 प्रतिशत तक यूरेनियम को समृद्ध कर रहा है।

तेहरान में हताशा बहस को दे रही हवा

ईरान के शीर्ष राजनयिक ने इस मामले पर बात करने से पहले गुरुवार को एक इंटरव्यू में कहा कि अगर पश्चिमी देशों ने उन पर फिर से प्रतिबंध लगाए तो ईरान परमाणु हथियार हासिल करने पर लगा प्रतिबंध समाप्त कर सकता है। विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने चेतावनी दी कि प्रतिबंध हटाने जैसी प्रतिबद्धताओं को पूरा न किए जाने पर तेहरान में हताशा इस बहस को हवा दे रही है कि क्या देश को अपनी परमाणु नीति में बदलाव करना चाहिए।

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