उन्होंने कहा, ‘लोगों की आकांक्षाओं और अधिकारों तथा पारदर्शिता बरकरार रखने के लिए संविधान में समय-समय पर बदलाव किए गए हैं। सामाजिक परिवर्तन के लिए भी बदलाव किए गए हैं। लेकिन किसी भी राजनीतिक दल या किसी सरकार ने संविधान की मूल भावना के साथ छेड़छाड़ नहीं की है। यही कारण है कि न्यायपालिका को समीक्षा करने का अधिकार है ताकि मूल ढांचा बना रहे। इसलिए यहां हमारे देश में किसी भी पार्टी विचारधारा की सरकार संविधान की मूल भावना के साथ कभी छेड़छाड़ नहीं कर सकती।’ उन्होंने आगे भी कहा, ‘प्रधानमंत्री ने हमेशा कहा है कि समाज के वंचित, गरीब, पिछड़े लोगों को अभी भी आरक्षण की जरूरत है और इसलिए, सरकार संविधान के मूल दर्शन के तहत काम करती है ताकि उनके जीवन में समृद्धि आ सके, उनके जीवन में सामाजिक बदलाव आ सके।’