Sunday, December 22, 2024

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ब्लिंकन-जयशंकर मुलाकात के दौरान क्या बात हुई

विदेश मंत्री एस जयशंकर और उनके अमेरिकी समकक्ष एंटनी ब्लिंकन ने वाशिंगटन डीसी में मुलाकात की है। इस बैठक में दोनों देशों ने क्षेत्रीय और वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिए साथ मिलकर काम करने पर प्रतिबद्धता जाहिर की है। मोदी सरकार के तीसरी बार सत्ता में आने के बाद से अपनी पहली यात्रा पर वाशिंगटन पहुंच जयशंकर ने मंगलवार को अमेरिकी विदेश विभाग के प्रमुख एंटली ब्लिंकन से मुलाकात की। भारतीय समकक्ष के साथ बैठक के बाद ब्लिंकन ने कहा, अमेरिका और भारत मिलकर क्षेत्रीय और वैश्विक चुनौतियों का समाधान करने के लिए काम कर रहे हैं। विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर और मैंने जलवायु संकट पर हमारे निरंतर सहयोग और क्षेत्रीय सुरक्षा और समृद्धि को बढ़ावा देने के तरीकों पर चर्चा करने के लिए मुलाकात की। वहीं भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि, वाशिंगटन डीसी में ब्लिंकन के साथ बातचीत करके प्रसन्नता हुई। हमने डेलावेयर द्विपक्षीय और क्वाड बैठकों पर चर्चा की। हमारी चर्चा में द्विपक्षीय सहयोग को और अधिक गहरा करना, पश्चिम एशिया की स्थिति, भारतीय उपमहाद्वीप, हिंद-प्रशांत और यूक्रेन में हाल के घटनाक्रम भी शामिल थे।अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने बताया कि, विदेश मंत्री एंटनी जे. ब्लिंकन ने आज वाशिंगटन डीसी में भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर से मुलाकात की। सचिव ब्लिंकन और विदेश मंत्री जयशंकर ने द्विपक्षीय संबंधों को गहरा करने, क्षेत्रीय और वैश्विक चुनौतियों पर बारीकी से समन्वय करने और महत्वपूर्ण और उभरती प्रौद्योगिकियों पर सहयोग को आगे बढ़ाने के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका और भारत की स्थायी प्रतिबद्धता पर चर्चा की।  सचिव ब्लिंकन ने प्रधान मंत्री मोदी की अगस्त में कीव यात्रा का उल्लेख किया और यूक्रेन के लिए न्यायसंगत और स्थायी शांति के महत्व को दोहराया। सचिव और विदेश मंत्री ने वैश्विक जलवायु संकट से निपटने के लिए स्वच्छ ऊर्जा पहल पर सहयोग बढ़ाने की योजना पर भी चर्चा की।

वहीं, वाशिंगटन डीसी में अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन और भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर की वार्ता के दौरान भी ईरान-इस्राइल तनाव पर चर्चा हुई। इस दौरान ब्लिंकन ने कहा कि कुछ घंटे पहले, ईरान ने पांच महीने के अंतराल में दूसरी बार इस्राइल पर सीधा हमला किया, जिसमें लगभग 200 बैलिस्टिक मिसाइलें शामिल थीं। यह पूरी तरह से अस्वीकार्य है और पूरी दुनिया को इसकी निंदा करनी चाहिए। प्रारंभिक रिपोर्टों से पता चलता है कि संयुक्त राज्य अमेरिका और अन्य भागीदारों के सक्रिय समर्थन से इस्राइल ने इस हमले को प्रभावी ढंग से हरा दिया। हमने एक बार फिर इस्राइव की रक्षा के प्रति अपनी प्रतिबद्धता प्रदर्शित की। हम आने वाले घंटों और दिनों में इस्राइल और क्षेत्र के अन्य भागीदारों के साथ बहुत करीबी संपर्क में रहेंगे।

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