राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने ईंधन दक्षता और कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन के आधार पर सभी यात्री वाहनों के लिए स्टार रेटिंग प्रणाली लागू करने के संबंध में सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय सहित तीन केंद्रीय मंत्रालयों से जवाब मांगा है। हरित निकाय उस याचिका पर सुनवाई कर रहा था, जिसमें कहा गया है कि वायु प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिए प्रभावी तंत्र, स्टार रेटिंग प्रणाली, पहले से ही विकसित देशों में लागू की जा चुकी है। यह प्रणाली थाईलैंड, वियतनाम और सिंगापुर जैसे कुछ विकासशील देशों में भी मौजूद है। 20 सितंबर को पारित आदेश में एनजीटी अध्यक्ष जस्टिस प्रकाश श्रीवास्तव की पीठ ने इस बात पर गौर किया कि वाहनों से होने वाले प्रदूषण की वायु प्रदूषण में बड़ी भूमिका है। पीठ में न्यायिक सदस्य जस्टिस अरुण कुमार त्यागी और विशेषज्ञ सदस्य अफरोज अहमद भी शामिल थे। पीठ ने कहा, विद्युत मंत्रालय के वकील ने जवाब देने के लिए चार सप्ताह का समय मांगा है। न्यायाधिकरण ने कहा, अन्य प्रतिवादियों को अगली सुनवाई की तारीख यानी 10 जनवरी से एक सप्ताह पहले हलफनामे के माध्यम से अपना जवाब दाखिल करने का नोटिस जारी किया जाए।