Saturday, December 21, 2024

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सेना की टीम सियाचिन ग्लेशियर से पहुंची इंदिरा प्वाइंट

प्रादेशिक सेना (Territorial Army) ने लद्दाख के सियाचिन ग्लेशियर से अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के इंदिरा प्वाइंट तक के सफर का अभियान शुरू किया था। इसके तहत सेना ने साइकिलिंग, नौकायन और स्कूबा डाइविंग के जरिए जमीन, हवा और समुद्र के रास्ते लगभग 5,500 किलोमीटर की दूरी तय की। यह अभियान प्रादेशिक सेना के प्लेटिनम जुबली वर्ष के उपलक्ष्य में आयोजित किया गया। नौ अक्टूबर 2024 को प्रदेशिक सेना की स्थापना के 75 साल पूरे हो जाएंगे। इस अभियान में शामिल 21 सदस्यीय दल को 30 जुलाई को सियाचिन ग्लेशियर से रवाना किया गया था। सियाचिन ब्रिगेड के कमांडर द्वारा हरी झंडी दिखाने के बाद अभियान शुरू हुआ था। टीम ने लद्दाख और हिमाचल प्रदेश के कठिन इलाकों में भी साइकिल चलाई। अभियान दल 22 अगस्त को नई दिल्ली पहुंचा। यहां उसने राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर श्रद्धांजलि अर्पित की। नई दिल्ली में इंदिरा प्वाइंट तक की आगे की यात्रा के लिए लेफ्टिनेंट जनरल राकेश कपूर, प्रादेशिक सेना के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल राजू बैजल ने हरी झंडी दिखाई। 21 सितंबर को टीम इंदिरा प्वाइंट पहुंची और आखिरकार 54 दिनों की लंबी यात्रा का समापन हुआ। प्रादेशिक सेना अधिनियम 1948 के अधिनियमन के बाद 1949 में प्रादेशिक सेना (टीए) की स्थापना की गई थी। पिछले कुछ दशकों में यह एक बड़े बल के रूप में विकसित और विस्तारित हुई है जो भारतीय सेना द्वारा संचालित सभी क्षेत्रों में संचालन में अंतर्निहित है। टीए ने भारतीय सेना के सभी प्रमुख अभियानों में सक्रिय रूप से भाग लिया है और कई पुरस्कार अर्जित किए हैं। टीए ने राष्ट्र निर्माण, पर्यावरण प्रबंधन में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

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