हिंद महासागर क्षेत्र में चीन की मनमानी पर रोक लगाने के लिए क्वाड्रिलेटरल सिक्योरिटी डायलॉग (क्वाड) के सदस्य देशों ने भारत की भूमिका और पीएम मोदी के नेतृत्व पर भरोसा जताया है। क्वाड शिखर सम्मेलन में सदस्य देशों के शासनाध्यक्षों ने इस क्षेत्र में भारत को प्रमुख शक्ति माना। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने तो यहां तक कहा कि इस क्षेत्र में अमेरिका को भारत के अनुभव व नेतृत्व से बहुत कुछ सीखना है। जापान के पीएम फूमियो किशिदा ने वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ सम्मेलन के आयोजन में पीएम मोदी की पहल की सराहना की, तो ऑस्ट्रेलिया के पीएम एंथनी अल्बनीज ने हिंद महासागर क्षेत्र में भारत को प्रमुख शक्ति बताया। सम्मेलन में हिंद महासागर में चीन का प्रभाव कम करने व उसकी मनमानी रोकने पर क्वाड सदस्य देशों ने लंबी और गहन मंत्रणा की। इस दौरान, बतौर राष्ट्रपति क्वाड की अंतिम बैठक में हिस्सा ले रहे बाइडन ने इस क्षेत्र में भारत की भूमिका और पीएम मोदी के नेतृत्व की तारीफ की। सम्मेलन में फोटो शूट के दौरान ही एक पत्रकार ने अमेरिका में हो रहे चुनाव की ओर इशारा करते हुए पूछा कि क्या इसके बाद भी क्वाड कायम रहेगा? इस पर अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन ने मोदी के कंधे पर हाथ रख कर मुस्कुराते हुए कहा यह नवंबर से आगे भी चलता रहेगा। गौरतलब है कि अगले साल भारत को इस सम्मेलन की मेजबानी करनी है। वर्तमान सम्मेलन भी भारत में ही होने वाला था, मगर बाइडेन के अनुरोध के बाद भारत इसकी मेजबानी अमेरिका को देने के लिए राजी हो गया। जापान के पीएम फुमियो किशिदा ने मोदी की ग्लोबल साउथ समिट के लिए की गई पहल का स्वागत करते हुए इस प्रयास को जापान का समर्थन देने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि यह मंच स्वतंत्रता और लोकतंत्र जैसे मूल्यों को साझा करता है जो एक स्वतंत्र और खुले हिंद प्रशांत क्षेत्र के लिए मजबूत प्रतिबद्धता प्रदर्शित करता है। सम्मेलन में पीएम मोदी ने क्वाड के संदर्भ में कहा कि हम किसी के खिलाफ नहीं हैं। हम सभी कानून पर आधारित एक अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था, संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के सम्मान और सभी मसलों के शांतिपूर्ण ढंग से हल निकालने का समर्थन करते हैं। यह बैठक ऐसे समय में हो रही है जब दुनिया तनाव और संघर्षों से घिरी हुई है। ऐसे में साझा लोकतांत्रिक मूल्यों के आधार पर क्वाड पूरी मानवता के लिए बहुत जरूरी है।
भारत हिंद-प्रशांत क्षेत्र के छात्रों को 4,17,40,225 की 50 क्वाड छात्रवृत्ति प्रदान करेगा। ये छात्रवृत्तियां छात्रों को भारत सरकार की वित्त पोषित तकनीकी संस्थान में चार वर्षीय स्नातक इंजीनियरिंग पाठ्यक्रम में शामिल होने में सक्षम बनाएंगी। क्वाड छात्रवृत्ति के माध्यम से अगली पीढ़ी के विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नीति निर्माताओं का एक नेटवर्क तैयार किया जा रहा है।
चीन की सरकारी मीडिया ने क्वाड पर आरोप लगाया कि वह बीजिंग और उसके पड़ोसी देशों के बीच बांटो और राज करो की नीति पर चल रहा है। चाइना डेली ने लिखा, क्वाड के बयान में चीन का नाम नहीं लिया गया, लेकिन अमेरिकी सुरक्षा सलाहकार जैक सुलिवन के प्रेस कॉन्फ्रेंस में 20 बार चीन का जिक्र आया। हालांकि अमेरिकी हिंद-प्रशांत में तनाव के लिए चीन को जिम्मेदार मानता है, लेकिन सम्मेलन में भाग ले रहे तीन अन्य देशों समेत क्षेत्र के सभी देश जानते हैं कि चीन और उसके पड़ोसियों में मतभेद पैदा कर अमेरिका बांटो और राज करो की नीति लागू करने का प्रयास कर रहा है। इस प्रयास में अमेरिका समझ गया है कि वह इन देशों को साथ जोड़ कर नहीं रख सकता, क्योंकि इन सभी के चीन के साथ व्यापक व्यापारिक, आर्थिक और सांस्कृतिक संबंध हैं।