तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ सांसद सुखेंदु शेखर रॉय ने पार्टी के मुखपत्र जागो बांग्ला के संपादक पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने इसका कारण निजी बताया है। पार्टी लाइन से अलग हटते हुए रॉय ने आरजी कर मामले पर आंदोलनकारी डॉक्टरों का भी समर्थन किया था। वह डॉक्टरों के समर्थन में धरने में भी शामिल हुए थे। रॉय ने कहा, मैं व्यक्तिगत कारणों से जागो बांग्ला के संपादक के रूप में पद छोड़ रहा हूं क्योंकि 2022 में कार्यभार संभालने के बाद से मैं अपने पद के साथ न्याय नहीं कर पा रहा हूं। ऐसा नहीं है कि मुझे अपनी जिम्मेदारी के निर्वहन में किसी हस्तक्षेप का सामना करना पड़ रहा है। कोई और, जो इस भूमिका को बेहतर तरीके से निभा सकता है, उसे यह जिम्मेदारी संभालनी चाहिए। रॉय 13 साल से टीएमसी में हैं। उन्होंने 2022 में स्कूल नौकरी घोटाले में ईडी की ओर से पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी को गिरफ्तार किए जाने के बाद यह पद संभाला था। आरजीकर मामले में प्रदर्शन में हुए थे शामिल
टीएमसी नेता ने आरजीकर मामले में सरकार के रुख का विरोध किया था। साथ ही वह विरोध प्रदर्शनों में भी शामिल हुए थे। टीएमसी नेता ने 13 अगस्त को सोशल मीडिया पर कहा था कि आरजी कर मेडिकल कॉलेज में सामूहिक दुष्कर्म और बेरहमी से हत्या की घटना हुई है। सीबीआई जांच करेगी। मुझे सीबीआई पर भरोसा नहीं है। लेकिन सच सामने आना चाहिए। अपराधियों को सजा मिलनी चाहिए। इसके बाद उन्होंने 14 अगस्त को प्रदर्शनकारियों के साथ शामिल होने की बात कही थी। रॉय ने कहा कि उन्हें 56 वर्षों के सियासी करियर में कभी ऐसा जनाक्रोश देखने को नहीं मिला, जहां लोगों ने किसी दल के झंडे की परवाह किए बिना रात के समय सड़क पर उतरकर न्याय की मांग की। उन्होंने कहा, इस घटना ने मुझे अंदर तक झकझोरा है। मैं अपनी आंखें बंद करके यह नहीं सोच सकता कि सबकुछ ठीक है, बस इसलिए कि मेरी पार्टी इसके विपरीत सोचती है। मैं एक बेटी का पिता और एक पोती का दादा हूं। मेरा परिवार भी कभी इन दहशत भरी घटनाओं का शिकार हो सकता है। तब मुझे कौन बचाएगा?