Sunday, December 22, 2024

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युद्ध के मैदान से बाहर आकर बात करें रूस-यूक्रेन : जयशंकर

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बर्लिन में जर्मन विदेश कार्यालय के वार्षिक राजदूत सम्मेलन में रूस-यूक्रेन संघर्ष को लेकर टिप्पणी की। इस दौरान विदेश मंत्री ने कहा कि संघर्ष का हल निकालने के लिए रूस और यूक्रेन को युद्ध के मैदान से बाहर आकर बातचीत करनी होगी। इसके लिए भारत दोनों देशों को सलाह देने के लिए तैयार है। जयशंकर की टिप्पणी ऐसे समय आई है जब राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल एक महत्वपूर्ण बैठक के लिए मास्को में हैं। विदेश मंत्री जयशंकर ने सम्मेलन में चीन के साथ भारत के संबंधों के बारे में भी बात की। उन्होंने कहा कि भारत चीन से व्यापार के लिए बंद नहीं है, लेकिन मुद्दा यह है कि भारत बीजिंग के साथ किन क्षेत्रों में और किन शर्तों पर व्यापार करता है। इससे पहले, विदेश मंत्री जयशंकर ने रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर कहा, ‘हमें नहीं लगता कि यह संघर्ष युद्ध के मैदान पर हल होने वाला है। उन्होंने कहा कि किसी स्तर पर कोई बातचीत होती है तो रूस और यूक्रेन को उस बातचीत में शामिल होना होगा।’ सम्मेलन में एस जयशंकर ने प्रधानमंत्री मोदी की रूस और यूक्रेन की यात्रा का हवाला दिया। बताया कि कैसे पीएम मोदी ने रूसी राष्ट्रपति से कहा था कि यह युद्ध का युग नहीं है। उन्होंने कहा, ‘हमें नहीं लगता कि आपको युद्ध के मैदान से कोई समाधान मिलेगा। यदि आप सलाह चाहते हैं, तो हम हमेशा सलाह देने को तैयार हैं।’ इस मौके पर जयशंकर ने क्वाड के बारे में भी बात की। कहा, ‘हमने क्वाड को पुनर्जीवित किया है। यह एक प्रमुख राजनयिक मंच है और भारत इसके लिए प्रतिबद्ध है।’ क्वाड भारत, संयुक्त राज्य अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान के बीच एक रणनीतिक सुरक्षा वार्ता है।

गौरतलब है कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने बृहस्पतिवार को कहा था कि भारत उन तीन देशों में शामिल है, जिनसे वह यूक्रेन संघर्ष को लेकर लगातार संपर्क में है। वे इसे सुलझाने के लिए ईमानदारी से प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘अगर यूक्रेन की इच्छा है कि वह बातचीत जारी रखे, तो मैं ऐसा कर सकता हूं।’ पुतिन की यह टिप्पणी पीएम मोदी की यूक्रेन की यात्रा के दो सप्ताह के भीतर आई, जहां उन्होंने राष्ट्रपति वलोदिमीर जेलेंस्की के साथ बातचीत की।

रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने कहा, ‘हम अपने दोस्तों और साझेदारों का सम्मान करते हैं, मेरा मानना है कि वे ईमानदारी से इस संघर्ष से जुड़े सभी मुद्दों को हल करना चाहते हैं, मुख्य रूप से चीन, ब्राजील और भारत। मैं इस मुद्दे पर अपने सहयोगियों के साथ लगातार संपर्क में रहता हूं।’

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