टेक्सास के संघीय न्यायाधीश जे. कैम्पबेल बार्कर ने बाइडन प्रशासन को झटका देते हुए उसके अवैध अप्रवासी जीवनसाथियों को नागरिकता देने के प्रयासों को रोक दिया है। इसके लिए 16 रिपब्लिकन नेतृत्व वाले राज्यों ने मुकदमा लगाया था। दोनों दल इस मुद्दे पर चुनाव से पूर्व वोटरों को लुभा रहे हैं। जिला जज बार्कर ने जून में बाइडन द्वारा घोषित कार्यक्रम ‘पैरोल इन प्लेस’ कार्यक्रम को रोका है। यह कार्यक्रम संयुक्त राज्य अमेरिका में रह रहे अमेरिकियों से विवाहित गैर-दस्तावेजी लोगों के लिए वैधीकरण को आसान बनाता था। इस फैसले से फिलहाल अमेरिकी नागरिकों के गैर-दस्तावेजी जीवनसाथियों को कानूनी दर्जा देने के संघीय कार्यक्रम पर रोक लग गई है। पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल में नियुक्त जज बार्कर ने एक प्रशासनिक स्थगन जारी किया है। अदालती आदेश दो हफ्ते तक रहेगा, जिसे आगे भी बढ़ाया जा सकता है। गृह-सुरक्षा विभाग द्वारा इस संबंध में आवेदन स्वीकार करना शुरू करने के एक सप्ताह बाद इस फैसले से अनुमानित 5 लाख अप्रवासियों और उनके करीब 50,000 बच्चों को झटका लगा है। यह नीति उन अमेरिकियों के जीवनसाथियों को नागरिकता देती है, जिनके पास कानूनी दर्जा नहीं है और जो कुछ मानदंडों को पूरा करते हैं।
डेमोक्रेटिक पार्टी छोड़ने वाली पूर्व हिंदू सांसद तुलसी गबार्ड ने राष्ट्रपति चुनावों में डोनाल्ड ट्रंप के समर्थन की घोषणा की है। तुलसी ने कहा, इस प्रशासन ने हमें दुनिया भर के क्षेत्रों में कई मोर्चों पर कई युद्ध दिए हैं, और हम पहले से कहीं अधिक परमाणु युद्ध के कगार पर हैं।
रिपब्लिकन टेक्सास अटॉर्नी जनरल केन पैक्सटन आदेश का स्वागत किया है। मुकदमा लगाने वाले 16 रिपब्लिकन नेतृत्व वाले राज्यों के गठबंधन ने बाइडन प्रशासन पर ‘राजनीतिक लाभ’ के लिए कांग्रेस (अमेरिकी संसद) को नजरअंदाज करने का आरोप भी लगाया। केन ने केस की पैरवी की।
अमेरिकीआव्रजन कार्यक्रम चुनावी वर्ष में विवादास्पद रहा है। रिपब्लिकन नेताओं का तर्क है कि यह कानून तोड़ने वाले लोगों के लिए माफी का एक तरीका है। कार्यक्रम के पात्र अप्रवासी मात्र 10 वर्षों तक लगातार अमेरिका में रहे होना चाहिए तथा 17 जून तक उनका किसी अमेरिकी से विवाह हो चुका होना चाहिए।