कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने एक बार फिर विपक्ष पर जमकर हमला बोला। उन्होंने विपक्ष पर अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति (एससी-एसटी) के बीच क्रीमी लेयर पर सर्वोच्च न्यायालय की टिप्पणी को लेकर लोगों के बीच भ्रम पैदा करने का आरोप लगाया। साथ ही उन्होंने कहा कि भीमराव अंबेडकर द्वारा दिए गए संविधान में क्रीमी लेयर का कोई प्रावधान नहीं है। कानून मंत्री मेघवाल ने पीटीआई को दिए साक्षात्कार में कहा कि भाजपा नीत एनडीए सरकार आंबेडकर के संविधान का अनुसरण करेगी और उसमें उल्लेखित अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षण व्यवस्था जारी रखेगी। उन्होंने कहा कि हालांकि विपक्ष जानता है कि शीर्ष अदालत ने केवल क्रीमी लेयर पर टिप्पण की थी, फिर भी वह लोगों के बीच भ्रम पैदा करने की कोशिश कर रहा है। आरक्षण के मुद्दे पर देश में जारी रार के बीच कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने शनिवार को केंद्र की भाजपा सरकार पर आरोप लगाया था। खरगे ने कहा था, ‘क्रीमी लेयर लाकर आप किसे लाभ पहुंचाना चाहते हैं? क्रीमी लेयर (अवधारणा) लाकर आप एक तरफ अछूतों को नकार रहे हैं और उन लोगों को दे रहे हैं जिन्होंने हजारों सालों से विशेषाधिकारों का आनंद लिया है। मैं इसकी निंदा करता हूं। उन्होंने कहा कि सात न्यायाधीशों की तरफ से उठाया गया क्रीमी लेयर का मुद्दा दर्शाता है कि उन्होंने एससी और एसटी के बारे में गंभीरता से नहीं सोचा है।’ उन्होंने यह भी कहा था, ‘मैंने पढ़ा कि प्रधानमंत्री ने कहा कि हम हस्तक्षेप नहीं करेंगे। यह सुनिश्चित करने के लिए कि क्रीमी लेयर (अवधारणा) लागू न हो, उन्हें संसद में (एक कानून) लाना चाहिए था और सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय को निरस्त करना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह सरकार कुछ घंटों में विधेयक तैयार कर देती है और अब निर्णय आए लगभग 15 दिन हो चुके हैं।’





