लोकसभा ने विमान के डिजाइन, निर्माण, रखरखाव, संचालन और बिक्री सहित विमानन उद्योग के विभिन्न पहलुओं को विनियमित करने के प्रावधानों वाले भारतीय वायुयान विधेयक, 2024 को शुक्रवार को ध्वनिमत से पारित कर दिया। यह 90 वर्ष पुराने विमान अधिनियम 1934 की जगह लेगा। इससे विमानन क्षेत्र में कारोबार को और सरल बनाने में मदद मिलेगी। बिल पर सदन में बृहस्पतिवार को चर्चा पूरी हो गई थी। नागरिक विमानन मंत्री के. राममोहन नायडू ने शुक्रवार को सदन में चर्चा का जवाब दिया। इसके बाद सदन ने विभिन्न विपक्षी सदस्यों के संशोधन प्रस्तावों को खारिज कर दिया तथा विधेयक को ध्वनि मत से मंजूरी दे दी। भारतीय वायुयान विधेयक 2024 के कानून बनने के साथ ही विमानन कानून में मौजूदा विसंगतियों को दूर करेगा और इस उद्योग को बढ़ने में मदद करेगा। नायडू ने कहा कि विमान अधिनियम, 1934 कई संशोधनों के कारण पुराना हो गया है। लोकसभा में 31 जुलाई को पेश इस विधेयक का उद्देश्य विमान के डिजाइन, निर्माण, रखरखाव, संचालन और बिक्री सहित विमानन उद्योग के विभिन्न पहलुओं को विनियमित करना है। उन्होंने बताया कि 1934 के अधिनियम में 21 संशोधन किए गए, जिसके परिणामस्वरूप, विशेष रूप से नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) जैसे आंतरिक संगठनों की शक्तियों और कार्यों के संबंध में अस्पष्टताएं और विरोधाभास उत्पन्न हुए। उन्होंने बताया कि इन मुद्दों ने विमानन क्षेत्र में भ्रम पैदा किया है। उन्होंने जोर देकर कहा कि पूरे अधिनियम को नया रूप देने की सख्त जरूरत थी। यही वजह है कि सरकार ने नया कानून पेश किया है। नायडू ने बताया कि सरकार शिकायतों के समाधान के लिए एक ऑनलाइन प्रणाली शुरू करने की योजना बना रही है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि अनावश्यक किराया वृद्धि से यात्रियों का शोषण न हो।