मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (एमयूडीए) घोटाले मामले में कर्नाटक में लगातार सियासी हंगामा जारी है। इस मामले में अब भाजपा के वरिष्ठ नेता बी एस येदियुरप्पा और मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के बीच जुबानी जंग तेज हो गई है। एक तरफ येदियुरप्पा मुख्यमंत्री से इस्तीफा देने की मांग कर रहे हैं। वहीं, अब उनके ‘नैतिक अधिकार’ पर सवाल उठाते हुए सीएम सिद्धारमैया ने आग्रह किया कि येदियुरप्पा को सार्वजनिक जीवन से संन्यास ले लेना चाहिए क्योंकि वह यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम मामले में आरोपी हैं। येदियुरप्पा ने हाल में मांग की थी कि सिद्धारमैया को भाजपा-जेडीएस के विरोध मार्च के मैसूर पहुंचने से पहले मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना चाहिए। बता दें, कर्नाटक में भाजपा और जेडीएस मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण घोटाले को लेकर अपना विरोध जता रही है। उसने शनिवार को 10 दिवसीय पदयात्रा शुरू की है। इस पर सिद्धारमैया ने पलटवार किया। उन्होंने कहा कि येदियुरप्पा को पॉक्सो मामले में आरोपी बनाया गया है। आरोपपत्र दायर किया जा चुका है। अदालत की दया के कारण वह बाहर है और जेल में नहीं है। ऐसे मामलों में किसी को जमानत नहीं मिल सकती।
उन्होंने आगे कहा, ‘येदियुरप्पा के क्या नैतिक अधिकार है? इस उम्र में वह पॉक्सो मामले में फंस गए हैं। उन्हें सार्वजनिक जीवन से संन्यास ले लेना चाहिए। 81 साल की उम्र में उन पर एक लड़की का यौन उत्पीड़न करने का आरोप है और वह पॉक्सो मामले में पकड़े गए हैं। पहले उन्हें सार्वजनिक जीवन से संन्यास लेने दीजिए। मेरा इस्तीफा मांगने के लिए सच्चाई (मेरे खिलाफ आरोप) होनी चाहिए।