अब अरुणाचल प्रदेश सरकार भी राज्य के अग्निवीरों को पुलिस और अग्निशमन विभाग में नौकरी में आरक्षण देगी। सीएम पेमा खांडू ने शनिवार को एलान किया कि सरकार स्थानीय युवाओं को अग्निपथ योजना के तहत प्रशिक्षण देगी। इसके साथ ही सेवानिवृत्त अग्निवीरों को राज्य पुलिस, आपातकालीन और अग्निशमन सेवाओं में भर्ती के दौरान प्राथमिकता दी जाएगी। सीएम खांडू ने कहा कि प्रदेश सरकार की पहल से युवा देश सेवा करने में सक्षम बनेंगे। अरुणाचल के बाद असम सरकार ने भी अग्निवीरों को पुलिस भर्ती में आरक्षण देने का एलान किया है। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने एक्स पर पोस्ट किया कि विपक्ष अग्निपथ योजना को लेकर झूठ फैला रहा है। भारतीय सेना को कमजोर करने के विपक्ष के इस मिशन को हम फेल करेंगे। असम सरकार ने अग्निवीरों को पुलिस भर्ती में आरक्षण देने का फैसला किया है। अरुणाचल प्रदेश सरकार से पहले उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, ओडिशा और छत्तीसगढ़ की सरकारों ने अग्निवीरों के लिए पुलिस विभागों में नौकरी में आरक्षण देने का एलान किया है। कुछ मुख्यमंत्रियों ने यह एलान कारगिल युद्ध में पाकिस्तान पर भारत की विजय की 25वीं वर्षगांठ पर किया। अग्निपथ योजना में चार साल के अनुबंध पर सेना, नौसेना और वायुसेना में भर्ती किया जा रहा है। इन्हें ही अग्निवीर नाम दिया गया है। छह महीने की ट्रेनिंग के बाद तैनाती होती है। अग्निवीरों को प्रतिमाह 30 से 40 हजार रुपये वेतन दिया जाता है। उनके लिए सेवा निधि अंशदायी पैकेज भी बनाया गया है। इसमें मासिक वेतन का 30 प्रतिशत योगदान अग्निवीर करते हैं और उतनी ही राशि केंद्र सरकार मिलाती है। चार साल खत्म होने के बाद एकमुश्त राशि उन्हें दी जाती है।