Sunday, December 21, 2025

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शरद पवार ने फिर मराठा आरक्षण को हवा दी

दक्षिण मुंबई के मालाबार हिल स्थित राज्य सरकार के सह्याद्री अतिथिगृह में पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद पवार और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के बीच करीब एक घंटे तक बैठक चली। राज्य में आरक्षण के मुद्दे पर मराठा और ओबीसी समुदाय आमने-सामने हैं। मनोज जरांगे लगातार सरकार पर हमलावर हैं। सूत्रों ने बताया, शरद पवार ने शिंदे से पूछा कि सरकार ने मराठा आरक्षण पर अभी तक क्या कदम उठाएं हैं और इस बारे में उनकी क्या नीति है। पवार ने राज्य के आर्थिक और सामाजिक मुद्दों पर विचार-विमर्श किया। शरद पवार ने मराठा आरक्षण के अलावा दूध उत्पादन, चीनी मिल और जल संसाधन जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की। बैठक के बाद शरद पवार ने मीडिया से कोई बातचीत नहीं की और चुपचाप वहां से निकल गए।   बता दें कि पिछले सप्ताह एनसीपी (अजित गुट) नेता छगन भुजबल ने शरद पवार से मुलाकात की थी और सूबे में आरक्षण को लेकर मराठा और ओबीसी के बीच बढ़ते जातीय संघर्ष में बीच का रास्ता निकालने का अनुरोध किया था। पवार ने आश्वासन दिया था कि दो दिन बाद वे इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री से मिलेंगे। पवार की शिंदे से मुलाकात को इसी संदर्भ से जोड़कर देखा जा रहा है। मराठा आरक्षण को लेकर मनोज जरांगे पाटिल 20 जुलाई से एक बार फिर अनशन पर बैठे हैं। उन्होंने मराठा आरक्षण के मुद्दे पर सत्तारूढ़ भाजपा से पूछा है कि महाराष्ट्र में मराठा समुदाय को अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) श्रेणी के तहत आरक्षण दिया जाएगा या नहीं। मनोज जरांगे ने भाजपा पर मराठा आरक्षण की जिम्मेदारी विपक्षी दलों पर डालने का आरोप लगाया। जरांगे की मांग है कि मराठा समुदाय के सदस्यों के रक्त संबंधियों को कुनबी के तौर पर मान्यता देने वाली राज्य सरकार की ‘सगे सोयरे’ (सगे संबंधी) अधिसूचना को तत्काल लागू किया जाए। जरांगे के निशाने पर खासतौर पर उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस हैं। वहीं, जरांगे ने छगन भुजबल पर ओबीसी समुदाय को भड़काने का आरोप लगाया है।

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