तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने अंतर-राज्यीय नदी विवाद को लेकर आज सर्वदलीय बैठक बुलाई। अब इस मामले में कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने कहा कि पड़ोसी राज्य को अपनी समस्याओं पर बैठक करने का पूरा अधिकार है। साथ ही उन्होंने सुझाव दिया कि स्टालिन उन्हें पानी के भंडारण करने की अनुमति दें, यही उनके हित में होगा। वहीं, बैठक के बाद सीएम एमके स्टालिन ने कहा, ‘सर्वदलीय बैठक में तमिलनाडु को कावेरी का पानी छोड़ने से इनकार करने के लिए कर्नाटक सरकार की कड़ी निंदा की गई। हम सीडब्ल्यूआरसी से आग्रह करते हैं कि वह सुप्रीम कोर्ट और सीडब्ल्यूएमए के आदेश के अनुसार कर्नाटक सरकार को तमिलनाडु के लिए कावेरी का पानी छोड़ने का आदेश दे।’ डीके शिवकुमार ने कहा, ‘तमिलनाडु को हमारी तरह बैठक करने का पूरा अधिकार है। हमें उनकी बैठक पर कोई आपत्ति नहीं है। यह उनका कर्तव्य है। मैं उस पर टिप्पणी नहीं करना चाहता। मगर साथ ही, कल से मुझे अच्छा अंतर्वाह देखने को मिल रहा है। कावेरी क्षेत्र में 50,000 क्यूसेक से अधिक पानी है। जितना भी पानी होगा, हम हरंगी से बाहर भेजने की अनुमति दे रहे हैं। मेरे विचार से 20,000 क्यूसेक से अधिक पानी हरंगी और अन्य स्थानों से भेजा जा रहा था।’ उन्होंने कहा, ‘अगर भगवान ने चाह तो हमारी समस्याएं हल हो जाएंगी। मैं तमिलनाडु से एक बात कहना चाहूंगा। आपके और हमारे हित के लिए, हमारे हित से अधिक आपका हित है, आप हमें अनुमति दीजिए। हम जो भी भंडारण करेंगे, हम आपको उतना ही पानी देंगे। हम उस पानी को वापस नहीं ले सकते। कर्नाटक के लोगों की ओर से यह मेरी सरल और विनम्र अपील है। हम जिस भी तरह से सहयोग कर सकते हैं, करेंगे।’