अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत को एक और बड़ी सफलता मिली है। आतंकी वित्तपोषण और मनी लॉन्ड्रिंग के खिलाफ बेहतर काम करने के लिए वैश्विक संस्था वित्तीय कार्रवाई कार्यबल (एफएटीएफ) ने भारत को रेगुलर फॉलोअप (नियमित अनुवर्ती) श्रेणी में शामिल किया है। इस सूची में शामिल होने वाला भारत 5वां देश है। भारत के अलावा जी-20 समूह के 4 अन्य देश इस श्रेणी में हैं। एफएटीएफ की सिफारिशों और दिशानिर्देश को दुनिया के 200 देश मानते हैं। इस लिहाज से भारत भी अब इस मामले में दुनिया को सलाह और गाइडलाइन दे सकता है। सिंगापुर में 26 से 28 जून तक हुए एफएटीएफ के वार्षिक अधिवेशन में मनी लॉन्ड्रिंग व टेरर फंडिंग पर पारस्परिक मूल्यांकन रिपोर्ट को भी मंजूरी दी गई है, जिसे जल्द ही एफएटीएफ की तरफ से प्रकाशित किया जाएगा। भारत के प्रयासों को खासतौर पर सराहा गया है।अर्थव्यवस्था में बढ़ेगा दुनिया का भरोसा : मूल्यांकन में भारत के बेहतर प्रदर्शन से देश की बढ़ती अर्थव्यवस्था को काफी फायदा होगा। खासतौर पर भारत में विदेशी निवेशकों का भरोसा बढ़ेगा। इसके अलावा वैश्विक वित्तीय संस्थानों से भारत को और आसानी से कर्ज मिल पाएगा। वित्त मंत्रालय का कहना है कि एफएटीएफ पारस्परिक मूल्यांकन पर भारत का प्रदर्शन हमारी बढ़ती अर्थव्यवस्था के लिए कई लाभ प्रदान करेगा।