कभी आतंकवादियों को पनाह देने वाला पाकिस्तान आजकल खुद इससे परेशान है। अब यहां के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने आतंकवाद और चरमपंथ की समस्या से कारगर ढंग से निपटने के लिए कानून प्रवर्तन एजेंसियों की क्षमता बढ़ाने और अभियोजन तंत्र में सुधार करने को कहा है। जरदारी ने यह बात अशांत बलूचिस्तान प्रांत में सुरक्षा, कानून एवं व्यवस्था की स्थिति पर एक बैठक की अध्यक्षता करते हुए कही। बैठक में उन्हें कानून प्रवर्तन एजेंसियों (एलईए) को सौंपी गई शक्तियों में खामियों के बारे में जानकारी दी गई। बंदरगाह शहर ग्वादर में हुई बैठक के दौरान जरदारी ने आतंकवाद से निपटने में प्रांतीय सरकार के प्रयासों और एलईए के बलिदानों की सराहना की, मगर सुधार की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि अभियोजन तंत्र में सुधार की जरूरत है ताकि आतंकवादी न्याय से बच न सकें। सक्षम और बहादुर पुलिस अधिकारियों को प्रांत में तैनात करने की आवश्यकता है क्योंकि इससे प्रांत में कानून व्यवस्था की स्थिति में सुधार करने में मदद मिलेगी।
जरदारी ने राजनीतिक संवाद पर जोर देते हुए कहा कि बलूचिस्तान में समृद्धि, विकास और शांति लाने के लिए यही रास्ता है। इस दौरान अधिकारियों ने राष्ट्रपति को बताया कि प्रांतीय सरकार चीनी और विदेशी नागरिकों को सुरक्षा प्रदान करने के लिए कदम उठा रही है।